लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम को देश का सर्वोच्च असैन्य सम्मान ‘भारत रत्न’ दिये जाने के आदेश के आग्रह वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की पीठ ने यह आदेश एक स्थानीय वकील की याचिका पर कल सुनाया. याची का कहना था कि उसने बसपा के संस्थापक कांशीराम को ‘भारत रत्न’ दिये जाने की मांग को लेकर काफी जद्दोजहद की थी लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
अदालत ने कहा कि असैन्य पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं के बारे में घोषणा करने और इससे जुडे तमाम पहलुओं पर गौर करना एक सुनिश्चित स्तर पर ही होता है. इस याचिका में जनहित जैसी कोई बात नहीं है और यह सुनवाई योग्य नहीं है, लिहाजा इसे खारिज किया जाता है.