गोपालगंज : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब उन जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा, जो वर्ष 2011 के बाद इस लाभ से वंचित थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि जिन जातियों को 2011 के बाद से अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है, उनको पंचायत आम चुनाव 2016 में आरक्षण का लाभ दिया जायेगा. इस पंचायत चुनाव में ऐसी दर्जन भर जातियों को लाभ मिलेगा. राज्य सरकार ने 2011 के बाद करीब दर्जन भर जातियों के आरक्षण में बदलाव किये हैं. इस बदलाव का लाभ पंचायत चुनाव में आयोग देने जा रहा है.
जिन जातियों को इस पंचायत चुनाव में अत्यंत पिछड़ा वर्ग का लाभ मिलेगा, उनमें सामरी वैश्य, हलवाई, कैथल वैश्य या कथबनिया, जागा, परैधा या परिहार, लहेड़ी, तमोली, बढ़ई, तेली व दांगी शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने 2011 के बाद दो जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है. खतवे जाति को चौपाल का उपाधि देते हुए एससी का लाभ दिया जा रहा है. इसी तरह से तांती (ततवा) जाति को भी अनुसूचित जाति का लाभ दिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग 2011 के बाद जिन जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग या अनुसूचित जनजाति या जनजाति में शामिल किया गया है,
उन सभी जातियों को पंचायत चुनाव में उस कोटि के आरक्षण का लाभ दिया जायेगा. अनुसूचित जाति या जनजाति को उसकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाना है. उससे वंचित आरक्षित पदों पर 50 फीसदी आरक्षण की सीलिंग को मानते हुए शेष सीटों पर अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जायेगा.