15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आर्थिक सुधार जारी रहे तो दो अंक में वृद्धि संभव : पनगढिया

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने आज कहा कि यदि आर्थिक सुधार प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दो तीन साल में दो अंक में आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकती है. उन्होंने जीएसटी लागू होने के बारे में भी उम्मीद जतायी. उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र […]

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने आज कहा कि यदि आर्थिक सुधार प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दो तीन साल में दो अंक में आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकती है. उन्होंने जीएसटी लागू होने के बारे में भी उम्मीद जतायी. उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में होने वाले इस व्यापक सुधार को लेकर मोटे तौर पर दोनों संबंधित पक्ष सहमत हैं. ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘भारत के लिये आर्थिक विस्तार की गुंजाइश तब तक बेहतर बनी हुई है जब तक कि हमारी सुधार प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ रही है. हमारे सामने ऐसी उम्मीद रखने की बेहतर वजह है, जैसा कि मैं कहता रहा हूं, अगले दो-तीन साल में हम आर्थिक वृद्धि के मामले में दहाई अंक को छूने लगेंगे.’

पनगढिया ने कहा कि आज भी जब विश्व बाजार में वृद्धि नहीं है अथवा बहुत धीमी वृद्धि हो रही है, ऐसी स्थिति में भारत एक बडा बाजार बना हुआ है. उन्होंने कहा, ‘यदि हम सुधारों के रास्ते पर आगे बढते रहते हैं और सही कदम उठाते हैं तो मेरा मानना है कि हमें बडा हिस्सा मिल सकता है. हमारा मौजूदा हिस्सा 18,000 अरब डालर में 1.75 प्रतिशत और 5,000 अरब डालर के सेवा निर्यात में करीब तीन प्रतिशत है.’

सुधारों के मामले में पनगढिया का मानना है कि जीएसटी पारित हो जायेगा. ‘यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों तरफ से सहमति है. सुधार की यह प्रक्रिया पिछली संप्रग सरकार के समय शुरू हुई. कांग्रेस पार्टी सुधारों की पक्षधर रही है. अब कुछ असहमति दिख रही है.’ उन्होंने श्रम सुधारों के बारे में कहा कि कुछ राज्यों ने इन्हें आगे बढाया है. राजस्थान इस मामले में सबसे आगे है. तमिलनाडु में भूमि सुधारों पर कदम आगे बढे हैं.

बाह्य क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, ‘वैश्विक निर्यात में 2.5 प्रतिशत वृद्धि होने के बावजूद भारत का निर्यात 15 प्रतिशत क्यों घटा है इसकी मुख्य वजह यह है कि भारतीय मुद्रा वास्तव में कई अन्य देशों की मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुई है.’ चीन की अर्थव्यवस्था ने भी अतिरिक्त क्षमता के तौर पर इसमें अहम भूमिका निभायी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें