श्री मरांडी ने कहा कि इस परीक्षा में अनारक्षित कोटि के लिए अधिकतम उम्र सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गयी है़ उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि राज्य गठन के 15 वर्ष बीत गये हैं, लेकिन एक बार भी स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित नहीं हुई है़ राज्य के मेधावी एवं बेरोजगार छात्रों को पहली बार इस परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला है़.
पहली बार आयोजित इस परीक्षा में कई मेधावी छात्र उम्र सीमा में छूट नहीं होने की वजह से वंचित हो जायेंगे़ नैसर्गिक न्याय के तहत राज्य में पहली बार आयोजित होने वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा में छात्रों को उम्र सीमा में छूट मिलनी चाहिए़ उम्र सीमा में 10 वर्ष की छूट मिलनी चाहिए या उम्र की गणना का अाधार एक अगस्त 2005 करने हेतु कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग को निर्देश दिया जाये़.