नयी दिल्ली: भारतीय कंपनियों का कारोबार के बारे में भरोसा तीन महीनों में जनवरी में पहली बार बढ़ा है. पिछले साल जून के बाद पहली बार कंपनियों को मिले नये आर्डर में वृद्धि दर्ज की गई है. एक सर्वेक्षण रपट में यह बात उजागर की गयी है. बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों की धारणा को मापने वाले डायचे बोयरसे एमएनआई भारत कारोबार धारणा संकेतक दिसंबर के 60.7 से बढकर जनवरी में 61.8 हो गया. यह अक्तूबर 2015 के बाद सबसे उंचा आंकडा है.
घरेलू स्तर पर आर्डर में मजबूती आने से इसमें वृद्धि हुई है. एमएनआई संकेतक के मुख्य अर्थशास्त्री फिलिप उग्लो ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर जनवरी का सर्वेक्षण कुछ बेहतर है. हालांकि, यह निर्विवादित नहीं है. उजला पक्ष यह है कि कुल मिलाकर धारणा पहले से बेहतर है जिसे पिछले साल जून के बाद नये आर्डर में वृद्धि का समर्थन मिला है.’
धारणा में बेहतरी का यह रख विनिर्माण और सेवा कंपनियों दोनों ही क्षेत्रों में देखा गया है जबकि निर्माण क्षेत्र में इसमें गिरावट आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां हालांकि, मौजूदा कारोबारी परिवेश को लेकर काफी विश्वास में हैं लेकिन अगले तीन माह के लिये उनकी धारणा में ‘‘उत्साह’ की कमी देखी गयी.
जनवरी में उम्मीदों का संकेतक 71.6 अंक पर था जो कि दिसंबर में 74.3 था. सर्वेक्षण के अनुसार पिछले माह के मुकाबले जो एक बदलाव देखा गया है वह है कि कंपनियां में मांग बढने की आशा बढ़ी है. माह दर माह आधार पर नये आर्डर के लिये उम्मीद संकेतक बढकर 2.6 पर पहुंच गया। इससे घरेलू मांग में लंबे समय से चली आ रही सुस्ती की समाप्ति का संकेत मिला है. मोदी सरकार आने के बाद कारोबार पर प्रभाव के बारे में पूछे गये सवाल पर 17 प्रतिशत ने कहा कि नई सरकार के तहत उनका कार्य प्रदर्शन बेहतर हुआ है. कइयों ने कहा कि जल्द मंजूरी और क्रियान्वयन से कारोबारी परिवेश में फायदा हुआ है.
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