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सदर अस्पताल में फिजियोथेरेपी चिकित्सा पर तालाबंदी का खतरा

आधा-अधूरा उपचार नहीं कराना चाहते हैं मरीज शेखपुरा : आधुनिक दौर और भागदौड़ की जिंदगी में लोगों की सेहत तेजी से बिगड़ने लगी है. इसका खामियाजा आज बूढ़े-बुजुर्ग के साथ-साथ युवाओं को भी भुगतना पड़ रहा है. खान-पान और व्यायाम से बहुत हद तक अन्य बीमारियों से बचाव तो किया जा सकता है, लेकिन भागदौड़ […]

आधा-अधूरा उपचार नहीं कराना चाहते हैं मरीज

शेखपुरा : आधुनिक दौर और भागदौड़ की जिंदगी में लोगों की सेहत तेजी से बिगड़ने लगी है. इसका खामियाजा आज बूढ़े-बुजुर्ग के साथ-साथ युवाओं को भी भुगतना पड़ रहा है. खान-पान और व्यायाम से बहुत हद तक अन्य बीमारियों से बचाव तो किया जा सकता है, लेकिन भागदौड़ की होड़ में लोग अक्सर कमर, रीढ़ और गर्दन एवं जोड़ के दर्द से ग्रसित हो जाते हैं. खास बात यह है कि एक आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक 100 में से 30 व्यक्ति कम से कम किसी न किसी उम्र के पड़ाव में ऐसे रोग से ग्रस्त हो जाते हैं.

सरकार ने ऐसे बीमारियों से राहत दिलाने के लिए सदर अस्पताल परिसर में फिजियोथेरेपी सेवा की शुरुआत करीब दो वर्ष पहले की थी. शुरुआती दौर में फिजियोथेरेपी सेवा वरदान बन कर लोगों का दुख हर कर रोगमुक्त करने में बड़ी कामयाबी हासिल की. मगर करीब एक साल बाद से ही यह व्यवस्था बदहाली और अनदेखी का शिकार हो गया. फिलहाज फिजियोथेपेरी की बदहाल व्यवस्था के कारण यहां लोग मरीज आधा-अधूरा उपचार कराने से अच्छा वापस लौट जाना ही मुनासिब समझते हैं.

क्या है महत्व
सदर अस्पताल में फिजियोथेरेपी की व्यवस्था की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी. इसके बाद सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या पर अगर नजर डाले तब पहले वर्ष 1406 मरीजों का उपचार हुआ. प्रति मरीज 50 रुपये की दर चिकित्सा शुल्क में 70300 रुपये की भी वसूली की गयी. 2015 में कुल 2929 मरीजों का उपचार हुआ, जिसमें 14700 रुपये की वसूली हुई. वर्ष 2016 में अब तक 66 मरीजों का उपचार हुआ है. इस व्यवस्था में जैसे-जैसे लोग जागरूक हुए लोगों की भीड़ बढ़ती गयी. परंतु अब जब व्यवस्था चरमरा रही है तब लोगों की वापसी भी होने लगी है.
क्या कहा जेपी सेनानी ने :
जेपी अंादोलन में पुलिस लाठी चार्ज से चोटिल होकर जेल जाने वाले पूर्व पार्षद राजेंद्र प्रसाद उर्फ राजकुमार महतो ने बताया कि यहां तो पहुंचे थे उपचार कराने लेकिन उपक्रम ही खराब है. फिजियोथेरेपी चिकित्सक ने इस तरह के व्यायाम परामर्श देकर वापस लौटा दिया. इस अवसर पर स्वास्थ्य महकमा को अमल करनी चाहिए.

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