केंद्र सरकार शनिवार को आज़ाद हिंद फ़ौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनसे जुड़ी कुछ फ़ाइलों को सार्वजनिक करने जा रही है.
सरकार के इस फ़ैसले पर नेताजी के पड़पोते चंद्र बोस ने ख़ुशी जताई है.
उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी में नेताजी और आज़ाद हिंद फ़ौज का क्या योगदान था इसे अब तक छिपाकर रखा गया.
अब तक की सरकारों की यही नीति रही थी कि तथ्य और सत्य को छिपाकर रखा जाए.
पहली बार केंद्र सरकार ने नेताजी से जुड़े फ़ाइलों को सार्वजनिक करने का फ़ैसला किया है जिससे सच्चाई देश के सामने आएगी.
कोई भी देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक वह अपने इतिहास पर से पर्दा नहीं हटाएगा.
उनके मुताबिक उन्हें यह सूचना मिली है कि 100 फ़ाइलें सार्वजनिक की जाएंगी. हर महीने 25 फ़ाइलें सामने आएंगी.
चंद्र बोस का कहना है कि सरकार के पास नेताजी से जुड़ी हज़ारों फ़ाइलें हैं.
उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि 1945 के बाद नेताजी के साथ क्या हुआ? उनके मूल्यों और आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है जितने कि आज़ादी की लड़ाई के समय थे.
आज देश में सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता की बात हो रही है. नेताजी ने इन बातों को सही मायने में आज़ाद हिंद फ़ौज में व्यवहार में लाए थे.
आज़ाद हिंद फ़ौज में हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर खाते थे, रहते थे और लड़ाई लड़ते थे.
नेताजी की राजनीतिक विरासत संभालने के सवाल पर उनके पड़पोते ने कहा कि नेताजी जो बोल कर गए, उनकी जो विचारधारा थी उसके मुताबिक़ पूरा देश ही उनका परिवार था. उनकी विचारधारा को कोई भी आगे लेकर आ सकता है.
हमारा यह सौभाग्य है कि हम उनके परिवार में पैदा हुए. हम उनकी तरह तो कोई योगदान नहीं दे सकते लेकिन जो कुछ हो सकेगा वह ज़रूर करेंगे.
(बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय से बातचीत पर आधारित)
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