हैदराबाद : दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले पर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी : एचसीयू: में सात छात्रों के नए समूह की अनिश्चितकालीन भूख हडताल आज दूसरे दिन भी जारी रही. प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए ‘चलो एचसीयू’ प्रदर्शन रैली का आह्वान किया है. इससे पहले भूख हडताल कर रहे सात छात्रों को तीन दिनों तक भूख हडताल पर बैठने के बाद स्वास्थ्य खराब होने के कारण गत शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद विरोध प्रदर्शन कल फिर से शुरू किया गया.
विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में एक वरिष्ठ चिकित्सक डा. रविंद्र कुमार ने बताया कि भूख हडताल कर रहे छात्रों की चिकित्सकीय जांच आज की जाएगी. प्रदर्शनकारी छात्रों के प्रतिनिधि एल एस बियाकानी ने बताया कि छात्रों ने आज ‘चलो एचसीयू’ रैली का आह्वान किया है और देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र यहां परिसर में एकत्र होंगे. उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगें हैं कि कुलपति पी अप्पाराव को बर्खास्त किया जाए जो अनिश्चिकालीन अवकाश पर चले गए हैं और विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडे वर्ग एवं अल्पसंख्यक छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए ‘‘रोहित कानून” पारित किया जाए.
इस बीच कुमार ने बताया कि रोहित की मां राधिका को सीने में दर्द की शिकायत के बाद कल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें आईसीयू में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है. विश्वविद्यालय ने कल अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया था कि कुलपति अवकाश पर चले जाएंगे और वरिष्ठतम प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव कुलपति की जिम्मेदारियां संभालेंगे. इस नोटिस में अवकाश के समय का कोई जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि एससी:एसटी फैकल्टी फोरम और एससी:एसटी ऑफिसर्स फोरम ने श्रीवास्तव को कार्यवाहक कुलपति बनाए जाने पर ‘‘हैरानी” व्यक्त की है और आरोप लगाया है कि वह उस कार्यकारी परिषद उपसमिति के अध्यक्ष थे ‘‘ जो रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार है” और 2008 में एक अन्य दलित छात्र सेंथिल की आत्महत्या की ‘‘आरोपी” है.