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कर्पूरी जयंती, अति पिछड़ों को केंद्र सरकार दे आरक्षण : नीतीश

पटना: जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के तर्ज पर देश भर में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण की मांग की है. साथ ही उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारतरत्न देने की भी केंद्र सरकार से अपील की है. रविवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने […]

पटना: जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के तर्ज पर देश भर में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण की मांग की है. साथ ही उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारतरत्न देने की भी केंद्र सरकार से अपील की है. रविवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी की बात है कि भाजपावाले भी कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे हैं. इससे बड़ी क्या बात होगी कि जिनकी (कर्पूरी ठाकुर) सरकार भाजपा ने गिरा दी थी, उन्हीं की जयंती बना रहे हैं. यह तो हमलोगों की वैचारिक जीत है.

अब जब भाजपा कर्पूरी जी की जयंती मना ही रही है, तो बिहार में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का जो फॉर्मूला है, उसे देश भर में लागू कराये. साथ ही उन्हें मरणोपरांत भारतरत्न दिया जाये. नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के आदर्श व प्रेरणास्रोत और लोग हैं. हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र राेहित वेमुला की आत्महत्या के बाद देश में जो वातावरण बना है, भाजपा उसी रास्ते पर है. अब कुछ वे भी कर्पूरी जी की जयंती मना रहे हैं, तो कुछ तो असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय भाजपा और उनके ऊंचे पदों पर बैठे नेताओं ने क्या-क्या नहीं कहा? लेकिन, मेरा स्वभाव नहीं कि हम कटाक्ष करते. अब तो चुनाव के बाद भी इन लोगों में बेचैनी है. श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल की बुकिंग के मामले पर मुझ पर ही आरोप लगाने लगे. अरे, हम पटना कमिश्नरी में बैठ कर क्लर्की करते हैं क्या? यही मेरा काम है? रोज छाती पीट रहे हैं. ज्यादा छाती पीटेंगे, तो डॉक्टर भी क्या इलाज करेगा? रोज अनाप-शनाप बयान आ रहा है, हम तो उसे ग्रहण ही नहीं करते हैं. जनता ने हमें मेंडेड दिया है, काम करने का मौका दिया है, तो पता नहीं, यह उन्हें क्यों नहीं पच रहा है? अब नहीं पच रहा है, तो पाचक लें या इलाज करवाएं. पांच साल तक छाती पीटते रहिए, कोई उपाय नहीं है. हम काम करनेवाले हैं, काम करते रहेंगे. ासीएम ने कहा कि हम लोगों से सीखते हैं. लोगों का भरोसा है, उसे टूटने नहीं देंगे. जब तक शरीर में शक्ति है, काम करते रहेंगे. किसी से भेदभाव नहीं करते हैं, चाहे मेरे साथ कितना भी भेदभाव हो जाये, सब सहेंगे.

हाथ जोड़ लेंगे, कफन मांगने नहीं जायेंगे
सीएम ने कहा कि हम काम करनेवाले हैं और जब तक शरीर चलेगा, काम करते रहेंगे. जिस दिन लगेगा कि हम काम नहीं कर सकते हैं, तो हाथ जोड़ लेंगे. हम कफन मांगने नहीं जायेंगे. जनता का साथ मिला है और जनता के लिए ही काम करते रहेंगे. हमने सीखा है कि जब सरकार में हो तो जुबान से कम बोलो, काम ऐसा करो कि वह बोले. हम ऐसा नहीं है कि कर्जा लेकर मर जाये. जो कुछ कहा है, उसे करेंगे. कहना वही चाहिए, जिसे हम कर सकते हैं. शराब बंद होने से कुछ पैसों का नुकसान होगा, लेकिन परिवार, स्वास्थ्य का जो नुकसान हो रहा था, वह बच जायेगा. अगर ऐसा नहीं होता, तो नेतृत्व सही नहीं माना जाता और न ही इतिहास कभी माफ करता.
सचेत रहिएगा, ऑनलाइन होगी बुकिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल की बुकिंग के लिए इस बार सचेत रहिएगा. अब हॉल की बुकिंग ऑनलाइन होगी. अब सब कुछ बदल गया है. समयसीमा भी तय हो गयी है. इसलिए समय पर सब देख लीजिएगा. उन्होंने कहा कि किसी घटना को हद से ज्यादा बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया भी कुछ हद तक जिम्मेवार है. मेरे वाट्स एप पर कुमुद शर्मा के फेसबुक पेज का इमेज आया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले दिनों उन्होंने कर्नाटक की पुलिस के एक मामले के लिंक पर फेसबुक में लिख दिया कि बिहार में जंगलराज है. इसे 150 लाइक मिल गया. 62 लोगों ने शेयर किया. सिर्फ तीन लोगों ने लिंक खोल कर पढ़ा और लिखा कि यह मामला तो कर्नाटक का है. बिहार सिंड्रोम इतना प्रबल है कि बिना पढ़े लोग अपनी राय दे रहे हैं.
समारोह में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद रामनाथ ठाकुर, अली अनवर, अनिल सहनी, कहकशां परवीन, गुलाम रसूल बलियावी, मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, शैलेश कुमार व मदन सहनी, विधायक श्याम रजक, रंजू गीता, पूनम यादव, पूर्व मंत्री रमई राम, नौशाद आलम, सीता राम दुखारी समेत अन्य मौजूद थे.
मुझे नहीं लगता कि हस्तक्षेप कर रहे हैं लालू
मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद जी किसी अधिकारी को फोन करें, तो विपक्ष उन्हें सुपर सीएम कहता है. अरे, जो जनप्रतिनिधि या जननेता हैं, वे फोन नहीं करते हैं क्या? नेता के पास अगर लोग जायेंगे, तो वे तो अधिकारी को फोन करेंगे ही. भाजपावाले भी जब साथ थे, तो वे भी तो फोन करते थे. लालू प्रसाद ने एक अस्पताल का निरीक्षण कर लिया, तो हाय-तोबा मच गया, लेकिन खुद (सुशील मोदी) रेलवे स्टेशन का किस हैसियत से निरीक्षण किया था? अब भी जनता दरबार लगाते हैं, किस हैसियत से? उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि लालू प्रसाद हस्तक्षेप कर रहे हैं. भाजपा किसी जननेता के सार्वजनिक धर्म पर पाबंदी लगाना चाहती है. हम तो एलायंस धर्म का पालन करते हैं. पहले भाजपा के साथ करते थे, अब राजद के साथ कर रहे हैं.
व्यवसायी कमा रहे, पर नहीं रखना चाहते हिसाब-किताब
पटना. मुख्यमंत्री ने कहा कि कपड़े, मिठाइयों पर टैक्स बढ़ा कर सरकार ने क्या गुनाह कर दिया है? क्या पहले व्यापारियों को रियायतें नहीं दी गयी हैं. भाजपा का साथ छोड़ने के बाद भी रियायतें दी गयी हैं. उसे तो भूल जाते हैं. व्यवसायी ईमानदारी से काम करें. उन्हें कोई तंग नहीं करेगा. इंस्पेक्टर राज नहीं चलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवसायियों के विरोध का मतलब साफ है कि वे कमा रहे हैं, पर हिसाब-किताब नहीं रखना चाहते हैं. राजधानी में होटल-रेस्त्रां ऐसे हैं कि एक दिन में एक-एक लाख का सेल होता है. सरकार को तो कुछ नहीं मिल रहा था. इसलिए हंगामा न करें. सरकार ने जो टैक्स बढ़ाया है, वह आम व्यवसायी व लोगों के लिए नहीं है. 500 रुपये मीटर से ज्यादा के कपड़े खरीदने पर टैक्स देना होगा. सिंघाड़ा जो पांच-छह रुपये में मिलता है, वह ब्रांडेड 40-50 में मिल रहा है. जब ग्राहक इतने पैसा दे ही रहा है, तो दो रुपये और टैक्स के रूप में नहीं देगा क्या? 500 रुपये किलो से ऊपर की मिठाइयों पर टैक्स लगाया गया है. अगर 800 रुपये किलोवाली मिठाई खरीद सकता है, तो 10 रुपये टैक्स भी दे सकता है. लोग मिठाई तो खा नहीं रहे हैं, अब पैसा खा रहे हैं. लोग लाखों कमा रहे हैं, एक पैसा खजाने में नहीं दे रहे हैं. जब मांगा जा रहा है, तो आंदोलन कर रहे हैं. अब शराब बंद कर रहे हैं, तो उस दुकानदार को दूध का बूथ दे रहे हैं. वह दूध बेचेगा. वहीं, बाटलिंग करनेवाले की समस्या आयी, तो वह पानी की बॉटल रिफिलिंग करेगा. हम किसी पर बोझ नहीं डालते हैं. न्याय के साथ काम करते रहे हैं और करते रहेंगे.
कानून का राज है और आगे भी रहेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में न जंगल राज है और न रहेगा. बिहार में कानून का राज है और आगे भी रहेगा. एक घटना कहीं हो जाती है, तो उसे देश में चर्चा बना दिया जाता है. लेकिन, भाजपा शासित दूसरे राज्यों में ऐसा होता है, तो कुछ नहीं होता. जदयू के एक विधायक पर बिना टिकट यात्रा करने और एक महिला से छेड़खानी का आरोप लगा. प्रमाण मिला, तो पार्टी ने आपात बैठक की और उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगलराज तो वह होता है कि जब गुनहगार को बचाने की कोशिश होती है. जितनी घटनाएं हुई हैं, लगभग सभी का उद्भेदन हो चुका है. हम काम कर रहे हैं और हर घटना पर निगाह रखते हैं कि क्या कार्रवाई हो रही है. सभी अधिकारी काम कर रहे हैं और जो अधिकारी काम नहीं करेंगे, बख्शे नहीं जायेंगे. उन्होंने कहा कि राजधानी में स्वर्ण व्यवसायी को गोली मार दी. जो भी संभव होगा, हर प्रकार की सहायता उस परिवार को दी जायेगी. इसके लिए डीएम को निर्देश दिया गया है. बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, यह भी देखने को कहा गया है. तथ्य सामने लाएं, कार्रवाई की जायेगी.

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