नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 25 बच्चों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जिसमें 3 लड़कियां और 22 लड़के शामिल हैं. 2 बच्चों को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसी बच्चों की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘परजेंस ऑफ माईंड’ और उसके अनुरूप एक्ट की ही देन है जो किसी को नयी जिंदगी प्रदान करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि मानव के जीवन में साहस स्वभाव का होना जरूरी है. यदि ऐसा नहीं होगा तो समाज में साहसी लोगों की कमी होगी. जिस बालकों ने साहस दिखाया है उनके बारे में हम सोचते हैं कि कर लिया हो गया किसी तरह लेकिन घटना की सोचे तो हमें पता चलेगा कि उन्होंने ऐसा क्षणिक कैसे कर लिया.
प्रधानमंत्री ने बहादुर और साहसी शब्दों को परिभाषित करते हुइए कहा कि सामान्य रुप से कोई बहादुर होता है इसका तात्पर्य यह नहीं कि वह साहसी भी हो. साहस के लिए संवेदना प्रकट होनी चाहिए. किसी के लिए कुछ करने का भाव मन में आना चाहिए. इसके लिए आपको बलिदान का भाव मन में लाना होगा.
पुरस्कृत बच्चों से प्रधानमंत्री ने अपील की कि इन बलकों के लिए यह जरूर है कि वह अपना काम यहीं नहीं रोक दें. वे आगे बढ़े और समाज के लिए प्रेरणा बने. उन्होंने कहा कि वीर बच्चों के माता-पिता घर में आए मेहमानों को उनके साहस की गाथा सुनाते हैं. यह स्वभाविक भी है. ऐसा वे कई बार करते हैं लेकिन मेरा उनसे अनुरोध है कि वे बच्चों के साहस की गाथा सुनाए लेकिन उनके साहस को आगे बढाने का मौका भी दें ताकि वे देश ओर समाज के लिए आगे भी ऐसा करते रहे और प्रेरणा बने.