सीएस ने राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट
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बगैर निबंधन चल रहे नर्सिंगहोम व क्लिनिक
सीएस ने राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट अवैध संचालन पर शीघ्र होगी कार्रवाई हाथ पर हाथ रख बैठे हैं विभागीय अधिकारी सीतामढ़ी : जिला में एक भी नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घर निबंधित नहीं हैं. यह सुनने में भले ही कुछ अजीब लगता है, पर सच्चाई है. बिना निबंधन के नर्सिंग होम के अलावा […]
अवैध संचालन पर शीघ्र होगी कार्रवाई
हाथ पर हाथ रख बैठे हैं विभागीय अधिकारी
सीतामढ़ी : जिला में एक भी नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घर निबंधित नहीं हैं. यह सुनने में भले ही कुछ अजीब लगता है, पर सच्चाई है. बिना निबंधन के नर्सिंग होम के अलावा क्लिनिक व जांच घर का संचालन नहीं करना है.
यह जानते हुए भी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ रख बैठे हुए हैं. वैसे अब अवैध रूप से क्लिनिक व जांच घर का संचालन करने वालों की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. शिक्षामंत्री सह जिला के प्रभारी मंत्री डाॅ अशोक कुमार चौधरी के निर्देश के आलोक में डीएम राजीव रौशन ने शीघ्र ही इस दिशा में कार्रवाई करने की बात कही है. इसी से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ दिनों के अंदर अवैध रूप से चल रहे क्लिनिक व जांच घरों के खिलाफ कार्रवाई दिखने लगेगी.
एक भी आवेदन नहीं : प्रभात खबर ने नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घरों के निबंधन को लेकर इसके तह तक जाने की कोशिश की है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिले में कितने नर्सिंग होम व क्लिनिक संचालित हैं, पर किसी के द्वारा भी आज तक निबंधन के लिए सीएस कार्यालय में आवेदन नहीं दिया गया है. शहर में हर आधा किलोमीटर पर जांच घर खुले हुए हैं.
एक भी जांच घर वालों द्वारा निबंधन के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है. यह सच्चाई सीएस के एक रिपोर्ट से सामने आया है.
सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट : राज्य सरकार ने सिविल सर्जन को पत्र भेज अधिनियम व नियमावली का हवाला देकर जिले के अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, प्रयोगशाला व जांच घरों का निबंधन नहीं कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगा था.
स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी शंकर प्रसाद ने सीएस से यह जानकारी मांगी थी कि कितने नर्सिंग होम व अन्य बिना निबंधन के संचालित है. सीएस के स्तर से समय पर उक्त रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर श्री प्रसाद ने खेद व्यक्त किया है और इसे लापरवाही का सूचक बताया है.
साथ हीं एक बार फिर सीएस को पत्र भेज अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम व अन्य के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी गयी है. काफी प्रयास के बाद भी सीएस से बात नहीं हो सकी, लेकिन विभागीय सूत्रों ने बताया कि हाल में सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि जिला में एक भी नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घर निबंधित नहीं है.
सीएस नहीं करते कार्रवाई : बिना निबंधन के क्लिनिक व जांच घरों के संचालन की खबर रहने के बावजूद सीएस के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. अब तक न जाने कितने सीएस आये और गये, पर किसी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. जांच व कार्रवाई के नाम पर सीएस के स्तर से अब तक कागजी घोड़ा दौड़ाने के सिवा कुछ नहीं किया गया है.
दिसंबर 15 के अंतिम सप्ताह में भी सीएस ने सभी पीएचसी प्रभारी को पत्र भेज कर अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. सच्चाई यह है कि किसी भी पीएचसी प्रभारी के स्तर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. हद तो यह कि परिहार पीएचसी प्रभारी को यह भी मालूम नहीं कि सीएस के स्तर से उक्त पत्र भेजा गया है.
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