नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कार्रवाई करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में हमलों की साजिश रचने के मामले में आईएसआईएस से सहानुभूति रखने वाले 13 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि कल हिरासत में लिए गये 14 लोगों में से 13 को गिरफ्तार कर लिया गया. उधर, जम्मू-कश्मीर के सोपोर में हरकत-उल-मुजाहिद्दीन से सबंध रखने वाले पांच आतंकियों के गिरोह का पर्दाफास किया गया है. सुरक्षा बलों और खुफिया विभाग ने मिलकर पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है. आतंकियों के ठिकानों से भारी मात्रा में गोला बारुद भी बरामद किया गया है.
कल स्थानीय पुलिस बलों की मदद से छह शहरों – बेंगलूरु, तुमकुर, मंगलूरु, हैदराबाद, मुंबई और लखनऊ में एक साथ 12 ठिकानों पर तलाशी और छापेमारी में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया. तलाशी के दौरान विस्फोटकों में विस्फोट कराने में उपयोग होने वाले सर्किट बरामद किए गये.
एनआइए ने कहा कि इन जगहों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बेहिसाब नकदी, जिहादी साहित्य और वीडियो एवं बम तैयार करने वाली सामग्री सहित कई चीजें बरामद की गयीं. एनआइए ने कहा, ये लोग विस्फोटक हथियार की खरीद का एक चैनल स्थापित करने, आग्नेयास्त्र चलाने के प्रशिक्षण समेत प्रशिक्षिण शिविरों के आयोजन के ठिकाने चिह्नित करने, भारत में पुलिस अधिकारियों, विदेशियों को निशाना बनाने के लिए नयी सदस्यों को प्रोत्साहित करने और भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे, कोशिश कर रहे थे.
एनआइए ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि देश के अलग-अलग शहरों में कुछ लोग देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए खुद को संगठित कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार लोग ‘जनूद उल खलीफा ए हिन्द (हिंदुस्तान के खलीफा के सैनिक) नाम के आतंकी समूह का हिस्सा हैं. जिसकी विचारधारा लगभग आइएसआइएस जैसी है.
उन्होंने कहा कि संदिग्ध पिछले कुछ समय से निगरानी के घेरे में थे और समूह को देश में कुछ सनसनीखेज हमले करने के निर्देश मिले थे. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया गया. समूह ने ‘हवाला’ के रास्ते पैसे हासिल करना शुरू कर दिया था और गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार ‘‘शेख ने छह लाख रुपये की धनराशि हासिल भी की. सभी गिरफ्तार संदिग्धों को विस्तृत पूछताछ के लिए राष्ट्रीय राजधानी लाया जा रहा है क्योंकि प्रारंभिक पूछताछ से संकेत मिला है कि वे आइएसआइएस जैसी विचारधारा वाला एक आतंकी संगठन खड़ा करने की दिशा में काम कर रहे थे.