रांची : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज झारखंड रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी और कहा कि ताकत और कुशाग्रता साइबर हमले से निबटने के लिए वक्त की मांग है.पर्रिकर ने कहा, ‘‘ताकत और कुशाग्रता की जरूरत है क्योंकि यह साइबर युग है. ये दोनों विशेषताएं साइबर हमलों से निबटने में मदद करेंगी. ‘ वह यहां पहाडी मंदिर पर देश के सबसे लंबे और बडे तिरंगे को फहराने और झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की ऑनलाइन आधारशिला रखने के बाद बिरसा मुंडा स्टेडियम में सभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी आधारशिला रखे जाने के साथ ही झारखंड, गुजरात और राजस्थान के बाद रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय वाला तीसरा राज्य बन गया है. ‘ कुछ साल पहले गुजरात में स्थापित रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय पुलिस विज्ञान एवं आतंरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स प्रदान करता है. एक सरकारी बयान के अनुसार रांची के समीप 25 एकड़ क्षेत्र में रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा और उसमें हर साल 300 से 500 विद्यार्थी दाखिला ले पायेंगे.
मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य जून-जुलाई में शुरू होगा. पर्रिकर ने कहा कि झारखंड में देश की 50 फीसदी खनिज संपदा है, लेकिन यह राज्य उतनी तरक्की नहीं कर पाया जितनी उसे करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य ने देश को काफी कुछ दिया है और देश भी उसे देगा…… मैं देख रहा हूं कि बदलाव आएगा. दो सालों के अंदर यह विश्वविद्यालय कामकाज शुरू कर देगा.’ सन् 1971 के युद्ध में शहीद हुए एल्बर्ट एक्का को याद करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि झारखंड देश की रक्षा और सुरक्षा सेवाओं में बढ चढकर योगदान देगा.