दावोस : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारत में आर्थिक सुधार सही दिशा में आगे बढ रहे हैं, लेकिन उन्होंने देश में अनेक पुराने बेकार के कायदे कानून बने रहने का जिक्र करते हुये कहा कि सुधार का स्तर ‘ठीक नहीं’ है. राजन ने ब्लूमबर्ग टीवी को कल दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘मैं अपनी बात को इस तरह रखता हूं, कि सुधारों की दिशा सही है लेकिन उनका ‘स्तर’ गडबड है. हमारे पास गलत नियम बहुत ज्यादा है, सही नियमनों की संख्या अभी बहुत कम है.’
उन्होंने कहा, ‘इस लिए हमें इसकी छंटाई की जरुरत है.यह एक झटके में नहीं होता, इसमें समय लगेगा. हम इसे कर रहे हैं. हम इस बात को मानते हैं कि हमारे यहा नियमन कुछ ज्यादा जरुर हैं. कारोबारियों को बेहतर माहौल की जरुरत है.’ राजन ने कहा, ‘इसके साथ ही नयी तरह का कारोबार भी आ रहा. इनसे निपट के लिये हमें तौर तरीके तलाशने होंगे. उदाहरण के तौर पर ऑनलाइन ऋण. यदि गिरावट होती है तो हम क्या करेंगे?’ राजन भारत में आर्थिक सुधारों के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे.
राजन को इस बात को लेकर अफसोस है कि लोग केवल बडे सुधारों की बात करते हैं लेकिन जिन सुधारों पर इस समय काम चल रहा है उनकी बात नहीं करते हैं. राजन ने कहा, ‘काफी कुछ चल रहा है, पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया जिसका नाम ‘स्टार्ट अप इंडिया’ है. इसमें वास्तव में नया व्यवसाय शुरू करने के रास्ते में आने वाली रकावटों को दूर किया गया है. नये व्यावसाय को शुरू करने से पहले पेंशन कोष सहित उसे 10, 15, 20 विभिन्न प्राधिकरणों के पास उसे पंजीकृत कराना होता है.’
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘आपके पास एक कर्मचारी है तो उस समय आपको पेंशन कोष की जरुरत क्यों है? इस समय विचार है कि कोई भी काम शुरू करने को आसान बनाया जाये, इसमें निरीक्षण को भी अलग किया जाये. तीन साल तक कोई भी निरीक्षक जांच नहीं करेगा. आप स्वयं ही प्रमाणित करें कि आपने क्या किया.’ उन्होंने कहा, भारत में तेजी से बढता निजी क्षेत्र भी है. इंटरनेट मार्किट प्लेस भी है, यह काफी बेहतर है क्योंकि भारत में सस्ती जमीन उपलब्ध नहीं है. आप जहां इच्छा हो खुदरा स्टोर कहीं भी नहीं बना सकते हैं.
एक अन्य सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि वह चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर चिंतित नहीं हैं. ‘जहां तक मात्रा में वृद्धि की बात है, चीन में डालर के लिहाज से काफी वृद्धि आ रही है. हालांकि, प्रतिशत में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसी अर्थव्यवस्था जो लगातार धनी और समृद्ध हो रही है, उसकी चाल में सुस्ती आना स्वाभाविक है.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिये मैं चीन की वृद्धि को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हूं.’
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