15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टीचर की एहमियत बतायें बच्चों को

हाल ही में एक फिल्म रिलीज हुई है. फिल्म का नाम है चॉक एंड डस्टर. इस फिल्म की कहानी इस विषय पर है कि हम किस तरह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते जाते हैं और पुराने लोगों को भूलते जाते हैं और उनमें हमारी जिंदगी में हमारे पहले टीचर भी शामिल होते हैं, जिन्होंने हमें […]

हाल ही में एक फिल्म रिलीज हुई है. फिल्म का नाम है चॉक एंड डस्टर. इस फिल्म की कहानी इस विषय पर है कि हम किस तरह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते जाते हैं और पुराने लोगों को भूलते जाते हैं और उनमें हमारी जिंदगी में हमारे पहले टीचर भी शामिल होते हैं, जिन्होंने हमें पहला कदम बढ़ाना सिखाया था. यह बेहद जरूरी है कि आप बच्चों को जिंदगी में अपने टीचर्स को एहमियत देना सिखाएं.
वर्तमान दौर में माता-पिता इस बात से बहुत चिंतित रहते हैं कि उनके बच्चों को इन दिनों यह बातें समझ नहीं आती हैं कि किसी का आदर सम्मान क्यों करना चाहिए. अगर वह घर में लोगों का आदर सम्मान करेंगे. तभी वह स्कूल में भी जाकर अपने टीचर का सम्मान करेंगे. सो, बच्चों में यह संस्कार देना बहुत जरूरी है कि वे माता-पिता के साथ-साथ अपने से बड़े हर व्यक्ति का सम्मान करें.
सिखानेवाला हमेशा गुरु होता है
दरअसल, बच्चों को यह बात समझाना जरूरी है कि यह जरूरी नहीं है कि जो आपके टीचर्स हैं, जो आपको स्कूल में पढ़ाते हैं. केवल वही सम्मान और आदर के हकदार हैं. उन्हें समझाना जरूरी है कि वे सारे लोग जो उन्हें जिंदगी में कुछ न कुछ सिखाते हैं, वे उनके गुरु ही होते हैं और उनका सम्मान किया जाना जरूरी है. उन्हें यह भी समझायें कि जब वे किसी मुकाम पर पहुंच जायें तब भी उन्हें याद करना क्यों जरूरी है. ऐसे में आपके बच्चे अपने गुरुओं को ताउम्र याद रखेंगे और जीवन के हर उम्र में जब उनसे मुलाकात होगी, उन्हें अपेक्षित सम्मान देंगे.
सिर्फ औपचारिकता नहीं बरतें
माता-पिता को बच्चों को यह बात भी सिखानी चाहिए कि सिर्फ औपचारिकता के लिए किसी विशेष दिन अपने पुराने टीचर को याद न करें, बल्कि जब भी मौका मिले अपनी जिंदगी में उनकी दी गयी सीख को अपनायें और जब भी मौका मिले उन्हें याद करें. तभी आप एक अच्छे शिष्य बन सकते हैं. और सीखने की प्रक्रिया तो पूरी जिंदगी चलती रहती है.
रिश्वत नहीं
यह बात बच्चों को हमेशा सिखायी जानी चाहिए कि वे कभी भी अपने गुरु को रिश्वत देकर खरीदने की कोशिश न करें. कभी भी उनसे कोई ऐसी मदद न लें. जो उनके लिए बाद में परेशानी का सबब बन जाये. इससे बच्चे भविष्य में भी यह सीख लेंगे कि आप हर काम के लिए लोगों को पैसे से खरीदने की कोशिश करेंगे. टीचर्स को भी कभी भी रिश्वत नहीं लेना चाहिए, इससे भी बच्चों के दिमाग पर गलत असर होता है और फिर वे भविष्य में ऐसे ही शॉर्टकट लेने लगते हैं. माता-पिता को कभी भी बच्चों को बेवजह टीचर्स को तोहफे देकर उन्हें बहलाने की कोशिश नहीं करवानी चाहिए. यह आपके ही बच्चे के विकास में बाधक बनेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें