नयी दिल्ली : हैदराबाद केंद्रीय विश्विद्यालय ने छात्रों के निलंबन को वापस ले लिया है. रोहित वेमुला के साथ इन चार छात्रों को भी निलंबित किया गया था. जिन छात्रों का निलंबन वापस लिया गया, उनके नाम : ए प्रशांत, पी विजय कुमार, एस चेमुडुगंटा एवं वेलपुला सनकन्ना हैं. वेमुला की मौत के बाद विश्वविद्यालय छात्रों के निलंबन को लेकर लगातार सवालों के घेरे में था. विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने निलंबन वापस लेने का फैसला लिया है.निलंबन के कारण छात्रों को बाहर टेंट पर रहना पड़ रहा था. रोहित के साथियों का आरोप रहा है कि इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. अबरोहित वेमुला की मौत के बाद अंतत: विश्वविद्यालय ने अपने फैसले को वापस लिया.
रोहित वेमुला की मौत अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है. राजनेताओं का विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच आना लगातार जारी है. कांग्रेसउपाध्यक्षराहुल गांधी से शुरू हुआ सिलसिला अब आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अऱविंद केजरीवाल तक पहुंच चुका है.
इसके अलावा अन्य राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों ने भी पूरे मामले की जानकारी के लिए लोगों को भेजा है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों को नेताओं का मिल रहा सहयोग भी विश्वविद्यालय के लिए चिंता का विषय बन गया है. आज 13 एससी-एसटी प्रोफेसर भी आंदोलन में शामिल हो गये. उन्होंने प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया है. इनमें परीक्षा नियंत्रक भी शामिल है. ये प्रोफेसर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कल के बयान से नाराज हैं. इनका आरोप है कि स्मृति ईरानी ने गलत तथ्य पेश किए हैं .
दूसरी तरफ इस मामले में एबीवीपी छात्र नेता सुशील कुमार, जिनसे रोहित की लड़ाई हुई थी, का कहना है कि वो रोहित वेमुला की मौत से दुखी हैं, लेकिन इस पूरे विवाद में उनका नाम खींचे जाने से वो मानसिक तौर पर परेशान हो रहे हैं.
सुशील कुमार का कहना है मेरे मोबाइल पर ऐसे मैसेज आ रहे हैं कि मैं एक क्रिमिनल हूं. इन मैसेज में मुझे रोहित की मौत का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. सुशील का कहना है कि मेरा रोहित से वैचारिक मतभेद था ना कि व्यक्तिगत दुश्मनी और इस मामले को सियासी रंग देने की कोशिश हो रही है. सुशील ने कहा इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए.