वैज्ञानिकों ने गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने वाली एक नई किस्म की अल्ट्रासाउंड जांच विकसित की है, जिससे कैंसर के खतरे की सूचना पहले ही मिल जाएगी.
बेल्जियम के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स लियूवेन में हुए शोध के मुख्य लेखक ड्रिक टिम्मरमैन कहते हैं, ‘पहले इस जांच से यूटरस के मरीजों की 20 से 25% तक जांच पूरी नहीं हो पाती थी.’
उन्होंने बताया, ‘हमारा शोध दल इसकी जांच करने में सक्षम था. अब से यह नई विधि हर कैंसर पीड़ित की सटीक जांच करेगी. यह नया टेस्ट मरीज में ट्यूमर के रिस्क की जानकारी दे सकता है.’
यूटरस या गर्भाशय का कैंसर एक घातक बीमारी है. इसका समय से पता लगाकर, अगर इसका इलाज किया जाए, तो यह कारगर हो सकता है.
यह अध्ययन साल 1999 से 2012 के बीच 10 देशों के लगभग 5 हजार लोगों पर किया गया था. यूटरस कैंसर के बीनिंग (सौम्य) और मैलीगैंट (घातक) लक्षणों को अल्ट्रासाउंड द्वारा पहचाना जाता है. इसके विकसित होने से इन लक्षणों को समय से ही पहचाना जा सकेगा.
यह शोध ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ ओबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनिकोलॉजी‘ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.