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वार्षिक कार्य योजना बनायें, दें बेहतर परिणाम

वार्षिक कार्य योजना बनायें, दें बेहतर परिणामबाल संरक्षण समिति के अधिकारियों के कामकाज पर जिप अध्यक्ष ने जताया असंतोषबालिका गृह व पर्यवेक्षण गृह के संचालन की भी हुई समीक्षाअनुपस्थित श्रम अधीक्षक से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देशडीएम, एसपी व अन्य अधिकारी भी थे मौजूदफोटो-2- बैठक में उपस्थित जिप अध्यक्ष, डीएम, एसपी व अन्य ®प्रतिनिधि, अररियामंगलवार को […]

वार्षिक कार्य योजना बनायें, दें बेहतर परिणामबाल संरक्षण समिति के अधिकारियों के कामकाज पर जिप अध्यक्ष ने जताया असंतोषबालिका गृह व पर्यवेक्षण गृह के संचालन की भी हुई समीक्षाअनुपस्थित श्रम अधीक्षक से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देशडीएम, एसपी व अन्य अधिकारी भी थे मौजूदफोटो-2- बैठक में उपस्थित जिप अध्यक्ष, डीएम, एसपी व अन्य ®प्रतिनिधि, अररियामंगलवार को जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिप अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम ने डीएम हिमांशु शर्मा के साथ मिल कर जिले में चल रहे बालिका गृह, पर्यवेक्षण गृह सहित समिति के अधीन संचालित विभिन्न इकाइयों के काम काज की समीक्षा की. उन्होंने जिला समिति में पदस्थापित पदाधिकारियों के काम काज को लेकर असंतोष जताया. डीआरडीए सभा भवन में हुई बैठक में योजना को महत्वपूर्ण बताते हुए जिप अध्यक्ष ने कहा कि बाल कल्याण की योजनाएं देश स्तर पर चल रही है. इनके क्रियान्वयन में संजीदगी बरतने की जरूरत है. बैठकों के आयोजन में कथित लापरवाही बरतने के हवाले से उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी समिति के कार्यक्रमों को सीमित दायरे में रखना चाह रहे हैं. ये ठीक नहीं है.पिछली बैठक में दिये गये निर्देश के बावजूद वार्षिक कार्य योजना नहीं बनाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि अविलंब वार्षिक कार्य योजना बना कर काम शुरू करें. ताकि अपेक्षित परिणाम मिल सके. इसी क्रम में डीएम ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को 15 दिनों के भीतर योजना बना कर जमा करने का निर्देश दिया. बैठक में अध्यक्ष व डीएम ने जिले से होने वाले मानव, विशेष रूप से महिला व्यापार व बाल श्रम पर खासी चिंता जताते हुए इसकी रोक थाम के लिए कारगर योजना बनाने का निर्देश दिया. जिप अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की तस्करी रोकने के लिए समाज की सहभागिता सुनिश्चित करना होगी. साथ ही जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेना होगा. डीएम ने भी इसे जरूरी करार देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित कर जागरूकता कार्यक्रम चलाना होगा. इसके लिए ठोस योजना बनाने का निर्देश उन्होंने दिया. उन्होंने कहा कि मानव व्यापार की रोक थाम में सहयोग व सक्रिय भागीदारी के लिए वे अपने स्तर से भी मुखिया व अन्य प्रतिनिधियों को पत्र भेजेंगे. बैठक में बालिका गृह में रह रही बच्चियों के विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य जांच के साथ साथ पर्यवेक्षण गृह की स्थिति व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों की भी समीक्षा डीएम व जिप अध्यक्ष ने की. सुधार के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिये गये. पिछले दिनों बालिका गृह में रह रही एक बच्ची ताला मुरी मुर्मु की बीमारी के बाद हुई मौत पर भी बैठक में चर्चा हुई. स्थिति पर नाराजगी जताते हुए जिप अध्यक्ष ने सदर अस्पताल के उस चिकित्सा पदाधिकारी को चिह्नित कर आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत बतायी जिसने बच्ची की जांच की थी. पर बेहतर उपचार के लिए रेफर नहीं किया था. बैठक में एसपी सुधीर कुमार पोरिका,डीडीसी अरशद अजीज, जिला शिक्षा पदाधिकारी फैयाजुर्रहमान, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अभय कुमार, एसीएमओ डॉ आरएन सिंह, किशोर न्याय परिषद की सदस्य अधिवक्ता रीता घोष, टिप इंडिया के साकेत श्रीवास्तव, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रिजवान अहमद व डीपीएम एचआइवी अखिलेश कुमार आदि भी उपस्थित थे.

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