मेलबर्न : इस साल का पहला ग्रेंडस्लैम आस्ट्रेलियन ओपन शुरू हो चुका है, लेकिन पहले ही दिन इस टूर्नामेंट पर फिक्सिंग का साया मंडराने लगा है. हालांकि टेनिस इंटीग्रिटी ईकाई और टेनिस अधिकारियों ने इन खबरों को खारिज किया है कि मैच फिक्सिंग के साक्ष्यों पर पर्दा डालने की कोशिश की गयी या उनकी पूरी तरह से जांच नहीं की गयी. लेकिन बीबीसी और बजफीड की रिपोर्ट 10 साल पहले के घटनाक्रम की है लिहाजा उन्होंने जांच फिर से कराने की बात कही है. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि संभवत: टेनिस पर फिक्सिंग का ग्रहण लग चुका है.
नोवाक जोकोविच ने की फिक्सिंग की पुष्टि
विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने कल पहले दौर का मैच जीतने के बाद कहा कि मैच फिक्सिंग अपराध है और यह बिलकुल गलत है. लेकिन उन्होंने यह भी माना कि वर्ष 2007 में पहला मैच हारने के लिए उन्हें निशाना बनाया गया था. हालांकि सट्टेबाजों ने उनसे सीधा संपर्क नहीं किया था. जोकोविच ने कहा कि कैरियर के शुरुआती दिनों में उन्हें इस तरह से निशाना बनाने की जब कोशिश हुई, तो वे डर गये थे और सीधे तौर पर इससे इनकार किया था.
बीबीसी और बुजफीड का दावा
बीबीसी और बुजफीड ने दावा किया है कि पिछले 10 वर्षों से टेनिस जगत में मैच फिक्सिंग का साया मंडरा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल हुए विंबलडन में भी कई मैच फिक्स थे. अगर रिपोर्ट और जोकोविच के बयानों को मिलाया जाये, तो ऐसा संभव प्रतीत होता है कि टेनिस जगत में सट्टेबाजों ने पैठ बना ली है. बीबीसी और बजफीड ने दावा किया है कि पिछले एक दशक में शीर्ष 50 में से 16 खिलाडी सट्टेबाजी गिरोहों के लिए मैच फिक्सिंग में लिप्त रहे हैं जिनमें ग्रैंडस्लैम चैम्पियन भी शामिल हैं.
खेल जगत में सफाई की जरूरत
जब क्रिकेट जगत में मैच फिक्सिंग के आरोप सच पाये गये, तो कई खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किया गया और क्रिकेट बोर्ड के कामकाज को भी दुरुस्त करने की सिफारिश की गयी. कई बड़े खिलाड़ी फिक्सिंग के आरोप में दोषी पाये गये और उनपर प्रतिबंध भी लगा दिया गया था. अब ऐसा प्रतीत होता है कि टेनिस जगत को भी उस सफाई की जरूरत है.