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दो दिवसीय कृषि मेला में किसानों ने की जम कर खरीदारी

दो दिवसीय कृषि मेला में किसानों ने की जम कर खरीदारी फोटो- मधेपुरा 1 एवं 2कैप्शन- कृषि मेला यंत्रों की जानकारी देते कृषि पदाधिकारी व अन्य प्रतिनिधि, मधेपुराजिला मुख्यालय स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में रविवार को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का समापन हो गया. इस दौरान मेले में विभिन्न कंपनियों के स्टॉल पर किसानों […]

दो दिवसीय कृषि मेला में किसानों ने की जम कर खरीदारी फोटो- मधेपुरा 1 एवं 2कैप्शन- कृषि मेला यंत्रों की जानकारी देते कृषि पदाधिकारी व अन्य प्रतिनिधि, मधेपुराजिला मुख्यालय स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में रविवार को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का समापन हो गया. इस दौरान मेले में विभिन्न कंपनियों के स्टॉल पर किसानों की भारी भीड़ देखी गयी. जहां किसानों को अनुदानित दर मनमाफिक कृषि यंत्र मुहैया कराया गया. मेले के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में हजारों किसान लाभान्वित हुए. इस दो दिवसीय कृषि मेले मे निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 46 लाख रुपये के यंत्र किसानों ने खरीद की. मेला समापन के दौरान जिले के आलाधिकारियों के अलावा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कमलेश प्रसाद, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, कृषि समन्वयक मिथिलेश क्रांति, अमर कुमार, किसान सलाहकार ललन कुमार, सहायक दुर्गेश कुमार, दिनेश प्रसाद यादव सहित जनप्रतिनिधि एवं हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहेंगे. कृषि मेले के सफल आयोजन में जिला कृषि पदाधिकारी एवं आत्मा के परियोजना निदेशक राजन बालन की महत्वपूर्ण भूमिका रही. प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञ ने बताये खेती के गुरमेले में कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विशेषज्ञों के द्वारा नवीनतम तकनीकी के माध्यम से खेती करने के गुर बताया गया. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक किसानों को रबी फसल जैसे गेंहू, मक्का, तेलहन, दलहन आदि फसलों की विस्तृत रूप से जानकारी दी. मौके पर वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया. जिला कृषि ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बेहतर सुधार के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पद्धति से खेती करके ही किसान समृद्ध व खुशहाल हो सकते हैं. मेले में आवेदन कर सकते हैं किसान – जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि आगामी कृषि मेला 15 एवं 16 फरवरी को आयोजित की जायेगी. मेले में किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र मुहैया कराये जायेंगे. अनुदानित दर पर कृषि यंत्र लेने के इच्छुक किसान कृषि मेल में भी आवेदन कर सकते है. इसके लिए विभिन्न प्रखंडों के स्टॉलों पर किसान से आवेदन लिया जायेगा. किसानों को आवेदन के साथ सभी आवश्यक कागजात संलग्न करना होगा. आवेदनों को प्रखंड कृषि पदाधिकारी स्वीकृत कर जिला कृषि पदाधिकारी को समर्पित करेंगे. किसानों को मिलेगी अनुदान की राशि यंत्र का नाम – अनुदानित राशि जेनरल- एससीएसटी ट्रैक्टर – 45000 – 67500पंपसेट – 10000- 15000कल्टीभेटर – 10000- 14000कल्टीवेटर – 10000- 14000रोटो कल्टीवेटर – 20000 – 27000जीरोटिलेज- 30000 – 40000 रीपर वाईडर- 175000 – 178500पावरटीलर – 50000 – 75000 हैपीसीडर – 40000 – 60000मैजसेलर – 10000 – 15000लैंड लेजर लेभलर-100000 – 150000पावर वीडर – 15000 – 20000कंबाईन हार्वेस्टर- 400000- 500000- ———————–पच्चीस प्रतिशत घट सकती है गेंहूं की पैदावर प्रतिनिधि.मधेपुरा.इस वर्ष मौसम मार गेंहूं की फसल पर पड़ना लगभग तय है. जिससे गेंहूं की पैदावर पच्चीस प्रतिशत तक घट सकती है. किसानों के साथ-साथ यह अंदेशा अब जिले के कृषि पदाधिकारियों होने लगी है. इस बार अब तक ठंड कम पड़ने की वजह से यह बात सामने आयी है. किसानों को इसका नुकसान उठना पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिक कहते है कि वर्तमान समय में बढ़ते तापमान गेंहूं की खेती के लिए अनुकूल नहीं है. मौसम का मिजाज यही रहा तो गेंहूं के पौधे में कल्ले नहीं उगेंगे. ————————–एक घंटा में एक एकड़ फसल तैयार मधेपुरा. कृषि मेले में कई अत्याधुनिक मशीनों को किसानों के लिए रखा गया था. जिसमें रीपर कम बांइडर से किसान एक घंटा में एक एकड़ में लगी धान व गेंहूं की फसल का काट कर उसका बोझा बना सकते है. मौके पर कृषि पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रति घंटा की दर से इसमें तेल लगता है, जो किसानों के लिए काफी लाभदायक हे. इसकी कीमत तो वैसे तीन लाख 65 हजार है. लेकिन इसमें किसानों को एक लाख 75 हजार रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त होता है. इसलिए किसान मात्र एक लाख 75 हजार में यह मशीन मेला से खरीद सकते हैं. रसोई और खेत के कचरे से मु्फत में ग्रीन एनर्जी मधेपुरा. मेले में लगाये गये बायोगैस प्लांट्स किसानों के बीच आकर्षण का केंद्र बिंदू बना रहा. इसका इस्तेमाल खाना पकाना, पानी गर्म करना, बिजली पैदा करना एवं जैविक खाद बनाना इस बायोगैस प्लांट्स की खुबी है. मौके पर कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इसको चलाने में किसानों को किसी प्रकार का खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा.वहीं प्लांट को किसी खुली जगह पर इंस्टॉल किया जाता हे तथा वहां साल भर दिन के समय में सूर्य की रोशनी आती हो. प्लांट को शुरू करने में ताजे गोबर के पानी में बने घोल का मिश्रण करने में आठ से दस दिन में गैस का बनना शुरू जायेगा. वहीं मेले में उपलब्ध पावर टीलर ओपरेटेड सीड ड्रील की विशेषताएं बताते हुए कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को बोअती में में होने वाली कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तरीके से इस यंत्र का निर्माण किया गया है. इसकों सभी कंपनी में ट्रैक्टर में लगायी जा सकती है.

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