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कड़ी सुरक्षा में होगी मैट्रिक व इंटर परीक्षा

कड़ी सुरक्षा में होगी मैट्रिक व इंटर परीक्षा पूर्णिया. जिले में फरवरी एवं मार्च महीने में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक व इंटर मीडिएट की परीक्षा आयोजित होगी. परीक्षा को लेकर प्रशासनिक कवायद अभी से तेज हो गयी है. कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर प्रशासन काफी सजग दिख रहा है और तैयारियां […]

कड़ी सुरक्षा में होगी मैट्रिक व इंटर परीक्षा पूर्णिया. जिले में फरवरी एवं मार्च महीने में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक व इंटर मीडिएट की परीक्षा आयोजित होगी. परीक्षा को लेकर प्रशासनिक कवायद अभी से तेज हो गयी है. कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर प्रशासन काफी सजग दिख रहा है और तैयारियां जोरों पर है. जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक परीक्षा को लेकर बैठकों का दौर जारी है. प्रशासनिक तैयारी और तेवर बतला रहे हैं कि इस बार मैट्रिक व इंटर मीडिएट की परीक्षा में कदाचार के भरोसा नैया पार नहीं होगी. चाक-चौबंद रहेगीे प्रशासनिक व्यवस्थाजिले में इस वर्ष आयोजित होने वाले मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है. प्रशासन की ओर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र के स्थल निरीक्षण को लेकर विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. इन पदाधिकारियों को केंद्र पर उपलब्ध संसाधन व आवश्यकता की रिपोर्ट समर्पित करने को कहा गया है. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. प्रशासन के इस कवायद की मूल वजह यह है कि परीक्षा समिति की ओर से इस बार विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों को कदाचार मुक्त परीक्षा के बाबत अलग-अलग जिम्मेवारी सौंपी गयी है. कदाचार की शिकायत पर वीक्षक व केंद्राधीक्षक से लेकर प्रखंड व जिला स्तर के पदाधिकारियों तक पर गाज गिर सकती है. यही कारण है कि परीक्षा में नियुक्त प्रत्येक पदाधिकारी अपनी गरदन बचाने के प्रयास में अभी से जुटे हुए हैं. सीसीटीवी कैमरे की होगी पैनी नजरजिले में मैट्रिक एवं इंटर मीडिएट की परीक्षा में कदाचार की राह छात्र-छात्राओं के लिए आसान नहीं होगी. क्योंकि प्रशासन ने परीक्षा समिति के निर्देश पर इसके लिए इंतजाम कर लिया है. जिले के सभी परीक्षा केंद्रों पर प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरे की नजर रहेगी. परीक्षा कक्ष में बड़े बेंच पर अधिकतम तीन छात्र-छात्रा के बैठने की व्यवस्था होगी. वहीं बेंच का साइज छोटा होने पर अधिकतम दो छात्र-छात्रा के बैठने की व्यवस्था होगी. इससे अधिक छात्र-छात्रा को एक बेंच पर बैठाने पर संबंधित केंद्राधीक्षक के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. प्रत्येक कक्ष में लगे कैमरे के माध्यम से केंद्राधीक्षक व प्रतिनियुक्त अधिकारी कक्ष की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. कदाचार का शक होने पर संबंधित परीक्षा कक्ष में छात्रों की जांच की जायेगी. साथ ही जांच में कदाचार पाये जाने पर संबंधित छात्र सहित वीक्षक के विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. केंद्राधीक्षक की ओर से नरमी बरते जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी. वही प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पुलिस अकिधारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. सीसीटीवी कैमरा के अलावा भी परीक्षा की वीडियोग्राफी करायी जायेगी. प्रवेश के साथ ही होगी गहन जांचपरीक्षा कक्ष में प्रवेश के पूर्व ही छात्र-छात्राओं को विशेष जांच से गुजरना होगा. प्रशासन की ओर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर टेंट के चार कमरे बनाये जायेंगे. इन कमरों में छात्र-छात्राओं की बारीकी से जांच की जायेगी. इसके उपरांत ही उन्हें परीक्षा कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी. छात्राओं के निर्धारित परीक्षा केंद्र पर इसके लिए विशेष रूप से महिला दंडाधिकारी व महिला पुलिस कर्मी तैनात किये जायेंगे. परीक्षा केंद्र के 500 मीटर के दायरे सील रहेंगे, यहां अभिभावकों का प्रवेश वर्जित होगा. साथ ही परीक्षा केंद्र पर तैनात वीक्षक भी मोबाइल फोन के साथ प्रवेश नहीं कर सकेंगे. केवल केंद्राधीक्षक को मोबाइल फोन के साथ प्रवेश की अनुमति होगी. इतना ही नहीं गोपनीयता के मद्देनजर वीक्षकों का परीक्षा कक्ष भी पूर्व से निर्धारित नहीं होगा. रेंडमाइजेशन तकनीक के माध्यम से इसका फैसला होगा. वीक्षकों को उनके परीक्षा कक्ष की जानकारी परीक्षा आरंभ होने के कुछ समय पूर्व दी जायेगी. कदाचार में पकड़े गये तो 20 हजार का जुर्मानाइस वर्ष मैट्रिक और इंटर मीडिएट की परीक्षा में चोरी (कदाचार) छात्र-छात्राओं को महंगी पड़ेगी. क्योंकि चोरी करते पकड़े जाने पर अब 02 हजार की जगह 20 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा. साथ ही संबंधित परीक्षार्थी को अगले तीन वर्षों तक परीक्षा से भी वंचित रहना पड़ सकता है. बोर्ड ने एक से तीन साल तक निष्कासन की अवधि तय की है. कदाचार करते पकड़े जाने और फिर बदतमीजी करने वाले छात्र-छात्राओं को तीन साल तक के लिए परीक्षा से निष्कासित किया जायेगा. साथ ही स्टैटिक मजिस्ट्रेट व उड़नदस्ता अथवा वरीय अधिकारी के निरीक्षण के दौरान पकड़े जाने पर संबंधित छात्र-छात्रा के विरुद्ध बिहार परीक्षा अधिनियम 1981 के तहत कार्रवाई की जायेगी. प्रशासन ने कदाचार नियंत्रण के मद्देनजर परीक्षा केंद्र के आसपास के फोटो स्टेट व स्टेशनरी दुकानों को भी बंद रखने का निर्णय लिया है. धारा 144 तोड़ा तो अभिभावक जायेंगे जेलयू तो हर बार मैट्रिक एवं इंटर मीडिएट की परीक्षा के दौरान प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्र के आसपास धारा 144 लागू किया जाता है. लेकिन इस बार इसका सख्ती से पालन किया जायेगा. प्रत्येक परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा. जहां से यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई अभिभावक धारा 144 का उल्लंघन ना करे. धारा 144 को तोड़ने अथवा तोड़ने की कोशिश करने वाले अभिभावकों को जेल भेजा जायेगा. ऐसे अभिभावक कम से कम 05 महीने तथ अधिकतम 06 महीने तक के लिए जेल जा सकते हैं. इसके अलावा अभिभावकों को 02 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. परीक्षा केंद्र के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू रहेगी. डीएसपी करेंगे मामले की छानबीनपरीक्षा के दौरान धारा 144 अथवा बिहार परीक्षा अधिनियम 1981 के उल्लंघन संबंधी मामले की जांच संबंधित क्षेत्र के डीएसपी करेंगे. वही अधिनियम 1981 की धारा 10 के तहत दोषी सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में मामला चलाया जायेगा. इसके अलावा सभी थानाध्यक्षों के माध्यम से परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक महिला व पुरुष पुलिस बल की तैनाती की जायेगी. कार्य में लापरवाही बरतने पर डीएसपी के माध्यम से ही उनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. मैट्रिक में 34 व इंटर में स्थापित होंगे 25 परीक्षा केंद्रजिले में मैट्रिक व इंटर मीडिएट की परीक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्रों की सूची लगभग तैयार कर ली गयी है. इसमें मैट्रिक परीक्षा में कुल 34 व इंटर मीडिएट की परीक्षा में 25 परीक्षा केंद्र स्थापित होंगे. विभागीय सूत्रों के अनुसार परीक्षा केंद्र के चयन में इस बार प्रशासन की ओर से विशेष सावधानी बरती गयी है. गत वर्ष संवेदनशील रहे परीक्षा केंद्रों को इस बार सूची से बाहर रखा गया है. उनके स्थान पर दूसरे परीक्षा केंद्र का उपलब्ध संसाधन के आधार पर चयन किया गया है. परीक्षा संचालन अधिनियम के तहत यह है गलत- परीक्षा के दौरान कदाचार में संलिप्त होना- परीक्षा के दौरान कदाचार में सहयोग करना- परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र को बाहर भेजना- परीक्षा संपन्न होने से पूर्व इसकी गोपनीयता भंग करना- परीक्षा केंद्र के आसपास मटरगश्ती करना अथवा नियमों को तोड़ना- परीक्षा के दौरान किसी कागजात या अन्य सामग्री का वितरण करनाटिप्प्णी : परीक्षा आयोजन को लेकर बोर्ड की ओर से जारी निर्देश के आलोक में तैयारी पूरी की जा रही है. परीक्षा केंद्रों का चयन कर बोर्ड को सूची भेजी जा रही है. परीक्षा के दौरान कदाचार बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सभी दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. मो मंसूर आलम, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्णिया

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