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सुरक्षा को लेकर विशाखापत्तनम मॉडल अपनाये बैंक

सुरक्षा को लेकर विशाखापत्तनम मॉडल अपनाये बैंक – इस मॉडल में सुरक्षा की जरूरत पड़ने पर पुलिस को वाहन और अन्य साधन उपलब्ध कराने की है व्यवस्था -पुलिस के वाहनों की संख्या और मैन पावर सीमित रहने को ध्यान में रखते हुए दिया गया है यह सुझाव – पुलिस को वाहन और अन्य साधन उपलब्ध […]

सुरक्षा को लेकर विशाखापत्तनम मॉडल अपनाये बैंक – इस मॉडल में सुरक्षा की जरूरत पड़ने पर पुलिस को वाहन और अन्य साधन उपलब्ध कराने की है व्यवस्था -पुलिस के वाहनों की संख्या और मैन पावर सीमित रहने को ध्यान में रखते हुए दिया गया है यह सुझाव – पुलिस को वाहन और अन्य साधन उपलब्ध कराने का भुगतान बैंक करेंगे – डीजीपी ने इस मॉडल को अपनाने की दी है सलाह अमित चौधरी, भागलपुर बैंकों की सुरक्षा को लेकर राज्य के सभी जिलों में विशाखापत्तनम मॉडल अपनाने की सलाह राज्य के डीजीपी पीके ठाकुर ने दी है. इस मॉडल के तहत बैंक अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस को वाहन और अन्य साधन उपलब्ध करायेंगे. पुलिस अधिकारी और सिपाही उस वाहन और अन्य साधन का उपयोग बैंक की सुरक्षा में करेंगे. हालांकि बैंकों के लिए इस मॉडल को अपनाना अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन इसके लागू होने से पुलिस पर बिना अतिरिक्त दबाव के बैंकों की सुरक्षा की बात कही गयी है.विशाखापत्तनम मॉडल क्यों विशाखापत्तनम माॅडल को अपनाने की सलाह पर सीआइडी के आइजी विनय कुमार का कहना है कि बैंकों को कभी भी सुरक्षा की जरुरत पड़ सकती है. जिस समय बैंकों को सुरक्षा चाहिए उस समय पुलिस का वाहन कहां है और वह बैंक के लिए उपलब्ध है या नहीं यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. जब बैंक को सुरक्षा चाहिए उस समय अगर पुलिस कहीं और महत्वपूर्ण काम से गयी हो तो बैंक को उस समय तुरंत सुरक्षा मुहैया कराना मुश्किल हो जायेगा. ऐसे समय में अगर बैंक अपनी तरफ से वाहन और अन्य साधन उपलब्ध करा देता है, तो उसे पुलिस आसानी से सुरक्षा उपलब्ध करा सकती है. सीआइडी के आइजी ने कहा कि राज्य के किसी भी जिले में कोई भी बैंक अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अगर इस मॉडल को अपनाना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है. बैंक यह सुविधा पुलिस को गश्ती और स्कॉट के लिए उपलब्ध करायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी थाना क्षेत्र में 10 या 15 बैंकों के ब्रांच हैं, तो सभी बैंकों में पुलिस का अपने वाहन से पहुंचना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऐसा करने पर पूरा दिन पुलिस वाहन बैंक की सुरक्षा में ही लगी रहेगी. बॉक्स मैटरसीसीटीवी को सरवर सेंटर से ऑन लाइन जोड़े बैंक बैंकों डकैती के मामले में अक्सर देखा गया है कि डकैती के बाद अपराधी सीसीटीवी को तोड़ कर चले जाते हैं या उसे अपने साथ लेकर चले जाते हैं. ऐसे में उनकी पहचान मुश्किल हो जाती है. एक सप्ताह पहले पटना में राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति की बैठक में इसपर चर्चा हुई. इसमें बैंकों से कहा गया है कि वह सीसीटीवी को सरवर सेंटर से आॅनलाइन जोड़ कर रखें. ऐसा होने पर अपराधी सीसीटीवी तोड़ कर चले भी जायेंगे, तो सीसीटीवी तोड़ने तक का पूरा फुटेज बैंक के पास होगा. बैंकों को अच्छी क्वालिटी का सीसीटीवी लगाने के लिए कहा गया है. आइजी सीआइडी विनय कुमार ने कहा कि बैंकों से यह भी कहा गया है कि वह सीसीटीवी बिल्डिंग के ऐसे कोने में लगाएं जहां आसानी से किसी नजर न जाए. बॉक्स मैटर16 में 13 मामले हुए डिटेक्टपूरे राज्य में पिछले एक साल में बैंक डकैती के 16 मामले सामने आये. उनमें 13 मामलों का खुलासा पुलिस ने कर लिया और उसमें बरामदगी और गिरफ्तारी भी हुई. इसमें पिछले साल 26 मई को घंटाघर स्थित ग्रामीण बैंक की भागलपुर शाखा में हुई डकैती में शामिल सभी अपराधी जेल में हैं और काफी पैसा बरामद हुआ है. वर्जनफोटो – डीजीपी पीके ठाकुर का बैंकों की सुरक्षा को लेकर विशाखापत्तनम मॉडल को अपनाने की सलाह दी गयी है. देश में कहीं भी कोई अच्छा काम होता है, तो दूसरे राज्य उसे अपनाते हैं. इस मॉडल को अपना बैंक अपनी सुरक्षा को और आसान बना सकते हैं. पुलिस का सहयोग उन्हें पहले की तरह ही रहेगा. हां इसके तहत पुलिस को बैंक द्वारा कुछ संसाधन उपलब्ध करा देने की व्यवस्था है, जिससे काम और आसान हो जाये.- पीके ठाकुर, डीजीपी बिहार

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