इससे पहले डीजीपी डीके पांडेय ने सभी सीनियर अधिकारियों से साफ कह दिया कि कोई भी निगेटिव बातें नहीं करेंगे. वर्ष 2015 में हमने नक्सलियों के खिलाफ बेहतर काम किया है. राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है, जब हमने एक पुलिसकर्मी को भी नहीं खोया. नक्सली घटनाओं में कमी आयी है और नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलताएं मिली हैं. डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि नक्सलियों के कारण रुकी विकास योजनाओं को चिह्नित कर उसे सुरक्षा देकर शुरू करवायें. किसी भी स्थिति में राज्य के विकास में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलायें. सरकार की नयी सरेंडर पॉलिसी के तहत चलाये जा रहे ऑपरेशन नयी दिशा के जरिये भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में लायें. बैठक में जिलों के एसपी ने डीजीपी को भरोसा दिलाया कि अगले तीन माह तक नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जायेगा. इसका असर भी दिखेगा. बैठक में एडीजी अभियान एसएन प्रधान ने वर्ष 2015 में नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये अभियान और मिली सफलता के बारे में बताया. स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता ने नक्सली गतिविधि के बारे में जानकारी दी. बैठक में एडीजी जैप रेजी डुंगडुंग, एडीजी ट्रेनिंग अनिल पाल्टा, आइजी अभियान एमएस भाटिया, आइजी सीआइडी संपत मीणा, आइजी प्रोविजन आरके मल्लिक, आइजी कार्मिक आशीष बत्रा, सभी जोन के आइजी, सभी रेंज के डीआइजी उपस्थित थे.