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अब एडमिशन रद्द करवाने पर लौटानी होगी पूरी फी

अब एडमिशन रद्द करवाने पर लौटानी होगी पूरी फीस्टूडेंट्स की फीस व मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकेंगे शिक्षक संस्थान प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी पर यूजीसी रख रहा खास नजरलाइफ रिपोर्टर, पटनाअब देश के सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में एडमिशन रद्द कराने पर फीस व मूल दस्तावेजों को लेकर संस्थान स्टूडेंट्स को बेवजह परेशान […]

अब एडमिशन रद्द करवाने पर लौटानी होगी पूरी फीस्टूडेंट्स की फीस व मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकेंगे शिक्षक संस्थान प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी पर यूजीसी रख रहा खास नजरलाइफ रिपोर्टर, पटनाअब देश के सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में एडमिशन रद्द कराने पर फीस व मूल दस्तावेजों को लेकर संस्थान स्टूडेंट्स को बेवजह परेशान नहीं करेंगे. कई यूनिवर्सिटी व कॉलेज एडमिशन रद्द करने पर स्टूडेंट्स को पूरी फीस और दस्तावेज नहीं लौटाते थे. यूजीसी ने ऐसी शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे स्टूडेंट्स द्वारा दाखिल रद्द कराने के बाद फीस व उसके मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकते. इसके लिए देश के सभी कुलपतियों को पत्र जारी कर दिया गया है. पत्र में कहा है कि एडमिशन रद्द को लेकर कॉलेज या यूनिवर्सिटी मनमानी नहीं कर सकेगा. यूजीसी ने इस आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. यह फरमान प्राइवेट कॉलेजों के लिए भी जारी हुआ है. शिकायत मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई यूजीसी के सचिव डॉ जसपाल एस संधू ने कहा है कि कोई भी प्रवेश रद्द होने पर यूनिवर्सिटी, कॉलेज या संस्थान छात्र का टीसी, मार्क्सशीट, जाति प्रमाण पत्र समेत अन्य मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकते, फीस भी लौटानी होगी. इस संबंध में छात्रों या अभिभावकों की ओर से शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी. पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेज छात्रों से दाखिला फीस ले लेते हैं. कई बार किसी छात्र द्वारा दाखिला रद्द करने या नहीं आने पर उसकी फीस और मूल दस्तावेज रख लिया जाता है. ऐसे में छात्र किसी दूसरी संस्था में प्रवेश नहीं ले पाते हैं. प्रोसेसिंग फी के तौर पर काट सकते हैं एक हजार रुपए यूजीसी ने कहा है कि कोर्स शुरू होने से पहले दाखिला रद्द होने पर प्रतीक्षा सूची के छात्र को दाखिला दिया जाना चाहिए. वैसे विश्वविद्यालय दाखिला रद्द करने वाले की फीस से केवल एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फी के तौर पर काट सकते हैं. इसके अलावा पूरी फीस लौटानी होगी. वहीं, कोर्स शुरू होने के बाद कोर्स छोड़ने की स्थिति में जिस मद के लिए फीस लिया हो, उसे काटकर बाकी रकम लौटानी होगी. यूजीसी की नजर खासकर प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर है. जानकारी के मुताबिक अधिकांश प्राइवेट संस्थाएं प्रवेश रद्द करने पर फीस व दस्तावेज नहीं लौटाते हैं. हर साल सैकड़ों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स इसकी शिकायत करते हैं. यही वजह है कि प्राइवेट संस्थाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.

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