गंदगी व कचरे रह रहे सैकड़ों रेल कर्मी रेलवे कॉलोनियों की पहचान बन गयी टूटी सड़कें,फोटो नं. 3,4,5,6 कैप्सन-रेलवे कॉलोनी की बदहाल सड़क, गंदगी का अंबार प्रतिनिधि, कटिहाररेलवे क्षेत्र के कॉलोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव है. टूटी सड़कें, कूड़े कचरे का अंबार, खुले नाले से आती दुर्गंध से रेल कर्मियों को रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि रेलवे क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के नाम प्रतिमाह लाखों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं. लेकिन कई मुहल्ले में सफाई व्यवस्था का हाल इतना बुरा है कि वहां एक मिनट भी रहना मुश्किल होता है. इसके बावजूद सैकड़ों रेल कर्मी बदहाल जीवन जीने को मजबूर हो रहे हें. इनकी समस्या की ओर रेल प्रशासन का जहां कोई ध्यान नहीं है. वहीं यूनियन के नेताओं को ये सारी समस्या दिखती ही नहीं है. प्रभात खबर ने गुरुवार को रेल कॉलोनी का जायजा लिया और जानने प्रयास किया कि इन क्षेत्र में रहने वाले रेल कर्मियों को किन-किन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. जायजा लेने के क्रम में कई समस्या सामने आयी है. न्यू कॉलोनी की टूटी सड़कें व गंदगी है पहचान रेलवे के न्यू कॉलोनी के पूर्वी भाग में साफ-सफाई नहीं होने, सड़क एवं कलभर्ट की मरम्मती नहीं होने के कारण कॉलोनी बदहाल है. उक्त क्षेत्र में जगह-जगह कचड़े का अंबार लगा हुआ है. दूसरी ओर उस क्षेत्र से गुजरने एवं रेलवे क्वार्टरों को जोड़ने वाली सड़क वर्षों से मरम्मत नहीं होने के कारण रेल कर्मियों को उक्त सड़क पर पैदल चलना भी कष्टदायक है. उस मुहल्ले के रेलवे क्वार्टरों में अधिकांश तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय रेल कर्मी अपने परिवार के साथ रहते हैं. उपरोक्त जर्जर स्थिति का प्रभात खबर की टीम जायजा लिया, तब स्थिति बहुत बदहाल पाया. उक्त क्षेत्र के निवासी रेलकर्मी में इस मामले को लेकर काफी निराश हैं. वहीं रेलवे प्रशासन एवं यूनियनों की एडभाइजरी कमेटी के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. रेल कर्मियों का मानना है कि यहां की परेशानी नजर अंदाज किया जाता है. कॉलोनी की स्थिति बदहालन्यू कॉलोनी मुख्य सड़क के कारण पूर्वी एवं पश्चिमी भाग में बंटा हुआ है. क्षेत्र के पूर्वी भाग की स्थिति काफी बदतर है. एक सड़क के दोनों ओर रेलवे क्वार्टर दर्जनों की संख्या में बना हुआ है. ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी इस सड़क निर्माण किया गया होगा, तब से उक्त सड़क की मरम्मती एकाध बार हुई हो. जिसके कारण सड़क जर्जर बना हुआ है. उस सड़क में बने कलभर्ट भी दम तोड़ दिये हैं. नाला का पानी कलभर्ट के उपर से बहता है. जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. उक्त कचरे की ढेर से निकल रहे दुर्गंध से वहां रह रहे कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं रेल कर्मियों द्वारा क्वार्टर के आगे की जमीन टट्टी-फड़कों से घेर लिये जाने के कारण रेलवे क्वार्टरों की खूबसूरती ही खत्म हो गयी है. सड़क तो संकीर्ण हो गया है. साथ-साथ क्वार्टर का नंबर एवं कर्मी का नेम प्लेट भी दिखाई नहीं पड़ता है. उक्त क्षेत्र में अनाधिकृत लोगों द्वारा भूमि अतिक्रमण कर कच्चा घर बना लिया गया है. जिसके कारण रेल कर्मियों को परेशानी होती है. रेल कर्मी बताते हैं कि हरेक साल जोन वर्क के नाम पर करोड़ों रुपये रेलवे द्वारा खर्च किया जाता है. लेकिन जोन वर्क के दायरे में इस मुहल्ला की अनदेखी की जाती है बल्कि अधिकारियों से गुजरने वाली सड़कों की मरम्मती कर कार्य को पूरा मान लिया जाता है. जिसके कारण इस क्षेत्र में मरम्मती का कार्य नहीं के बराबर हो पाता है. कहते हैं अधिकारीउपरोक्त मामले में रेल अधिकारी आइओडब्लू बी प्रसाद कहते हैं कि उस क्षेत्र को भी जोन वर्क योजना में शामिल किया गया है. जल्द ही कार्य शुरू किया जायेगा.
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गंदगी व कचरे रह रहे सैकड़ों रेल कर्मी
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