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हंगामा व तोड़फोड़ करनेवाले किसी की एक न सुनी

हंगामा व तोड़फोड़ करनेवाले किसी की एक न सुनी लाठीचार्ज के बाद स्थिति हुई नियंत्रित अधिकारियों के साथ सांसद, विधायक की बात भी सुनने को नहीं थे तैयार अस्पताल प्रशासन दिखाती तत्परता तो नहीं होता सदर अस्पताल में हंगामा(फोटो सहित)औरंगाबाद (नगर) मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंजूराही गांव के समीप ऑटो व ट्रक के बीच हुई […]

हंगामा व तोड़फोड़ करनेवाले किसी की एक न सुनी लाठीचार्ज के बाद स्थिति हुई नियंत्रित अधिकारियों के साथ सांसद, विधायक की बात भी सुनने को नहीं थे तैयार अस्पताल प्रशासन दिखाती तत्परता तो नहीं होता सदर अस्पताल में हंगामा(फोटो सहित)औरंगाबाद (नगर) मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंजूराही गांव के समीप ऑटो व ट्रक के बीच हुई भिड़ंत में दो महिलाओं की मौत हो गयी, इसमें एक शिक्षिका है, तो दूसरी गृहणी है. शिक्षिका डिंपल देवी गुरुवार को औरंगाबाद स्थित आवास से जम्होर कन्या मध्य विद्यालय के लिए एक ऑटो से जा रही थी. मंजुराही मोड़ के समीप एक अनियंत्रित ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी. इससे ऑटो सड़क के किनारे खाई में पलट गयी. ऑटो पर सवार शिक्षिका डिंपल देवी सहित एक और महिला की मौत हो गयी, जबकि उस पर सवार अन्य चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. सभी जख्मियों को स्थानीय लोगों ने इलाज के लिये सदर अस्पताल भिजवाया. इसके बाद सदर अस्पताल में हंगामा और तोड़फोड़ मामले में कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन को भी लोग जिम्मेवार मान रहे हैं. लोगों का कहना था कि यदि सदर अस्पताल में ड्यूटी में तैनात चिकित्सक सही तरीके से इलाज किये होते और शव को समय पर पोस्टमार्टम कर दिये होते तो शायद यह घटना देखने को नहीं मिलती. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने न तो घायलों के इलाज में रुचि दिखायी और न ही कोई मदद कर की. यही कारण हुआ कि विद्यार्थी परिषद के सदस्य उज्जवल कुमार, प्रदेश मंत्री दीपक कुमार, काली कुमार, बसपा के प्रदेश सचिव खान इमरोज ने सभी जख्मियों को अपने प्रयास से प्रारंभिक इलाज कराने के बाद बेहतर इलाज हेतु बड़े चिकित्सालयों में एंबुलेंस के माध्यम से बाहर भिजवाया. हालांकि इस घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन अस्पताल में पहुंच गये और घटना के विरोध में जम कर हंगामा किया. जिस वाहन से पुलिस ने दोनों महिलाओं के शव को सदर अस्पताल लेकर लायी थी उस वाहन में न तो सिर्फ तोड़-फोड़ की, आग लगाने का भी प्रयास किया. लेकिन समय पर ही सदर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद, एसडीपीओ पीएन साहू, नगर थानाध्यक्ष एसके सुमन, मुफस्सिल थानाध्यक्ष अनंत राम, नगर थाना के दारोगा असलम अली, क्रांतिरमण, शेखर सौरभ, दशरथ सिंह, मेदनी हसन सहित अन्य पदाधिकारी दल-बल के साथ पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा कर रहे लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. इसी बीच सांसद सुशील कुमार सिंह, विधायक आनंद शंकर सिंह भी पहुंचे और परिजनों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन काफी उग्र हो चुके थे, किसी को बात सुनने को तैयार नहीं थे. इस दौरान उग्र लोगों ने पुलिस के साथ बदसलूकी भी की. पुलिस ने लाठी चार्ज कर किसी तरह प्रदर्शन कर रहे लोगों को अस्पताल परिसर से बाहर किया, तब जाकर स्थिति नियंत्रित हुई. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम कराने के उपरांत परिजनों को सौंपा गया.

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