पतंगबाजी मूल रुप से ग्रामीण परिवेश का खेल माना जाता था
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मकर संक्रांति में बच्चे खूब करेंगे पतंगबाजी
पतंगबाजी मूल रुप से ग्रामीण परिवेश का खेल माना जाता था गोगरी : मकर संक्रांति को ले पतंग खरीदने की होड़ बच्चों में आरंभ हो गयी है. बच्चे इस पारंपरिक खेल के प्रति काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. बदलते परिवेश में इसका तरीका भी बदला है. पहले बच्चे अपने घरों में ही स्वयं पतंग […]
गोगरी : मकर संक्रांति को ले पतंग खरीदने की होड़ बच्चों में आरंभ हो गयी है. बच्चे इस पारंपरिक खेल के प्रति काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. बदलते परिवेश में इसका तरीका भी बदला है. पहले बच्चे अपने घरों में ही स्वयं पतंग व उचका बनाकर धागा का मंझा कर पतंग उड़ाते थे. लेकिन समय के अनुसार इसमें भी बदलाव आया है.
आज के बदलते परिवेश में सब कुछ रेडीमेड हो गया है. पिछले दो दशक से इसमें काफी बदलाव देखा जा रहा है. मूल रुप से इसे ग्रामीण परिवेश का खेल माना जाता था. लेकिन इसका विस्तार शहरी क्षेत्रों में हुआ है. परिणाम है कि अब इसका समय भी निर्घारित हो गया है और यह मकरसंक्रांति का खेल बनकर रह गया हैं.
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