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न्याय के साथ विकास हमारा लक्ष्य

न्याय के साथ विकास हमारा लक्ष्य फोटो : दीपक 19, 20, 21बजट पूर्व प्रमंडल स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री बोले- राेजगार सृजन करने वाला व कृषि अाधारित होगा बजट – वर्ष 2016-17 के बजट के लिए विशेषज्ञों से लिये गये सुझाव- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा, गरीबों को आवास व शिक्षा की सलाह- तिरहुत, सारण व […]

न्याय के साथ विकास हमारा लक्ष्य फोटो : दीपक 19, 20, 21बजट पूर्व प्रमंडल स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री बोले- राेजगार सृजन करने वाला व कृषि अाधारित होगा बजट – वर्ष 2016-17 के बजट के लिए विशेषज्ञों से लिये गये सुझाव- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा, गरीबों को आवास व शिक्षा की सलाह- तिरहुत, सारण व दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त, अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ बैठक में शामिलसंवाददाता, मुजफ्फरपुर हमारा गांव विकसित हो, गरीब बच्चे को पढ़ा सकें, लोगों की क्रय शक्ति बढ़े तो बिहार अपने आप बढ़ जायेगा. उन्नत बिहार, विकसित बिहार, न्याय के साथ विकास हमारा लक्ष्य है. उक्त बातें बिहार सरकार के वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी ने बुधवार को जिला परिषद सभागार में कहीं. वे वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट पर सुझाव को लेकर आयोजित प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मंत्री सिद्दिकी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने बजट से पूर्व लोगों के विचार को जानने के लिए प्रमंडल स्तर पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया है. किसान कहते हैं मजदूरी बढ़ने से खेती कठिन हुई है, तो मजदूर संगठन कहते हैं मजदूरी घटी है. लेकिन यह बात सत्य है कि यहां 89 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं व हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. विकास के मापदंड पर हम पिछड़े राज्य में हैं, लेकिन सीमित संसाधन में विकास कैसे हो, यह हमें तय करना है. बजट से पूर्व इस सुझाव का मुख्य उद्देश्य सर्वमान्य मुद्दे को बजट में शामिल करना है न कि विवादित मुद्दे को. दूरगामी प्रभाव वाला बजट हो, इस पर विचार करना है. बजट राेजगार सृजन करने वाला व कृषि अाधारित बजट होगा. मंत्री ने विशेषज्ञों के सुझाव का जिक्र करते हुए वर्गीज कूरियन द्वारा गुजरात में 22 लीटर दूध से आनंद डेयरी की शुरुआत के बारे में बताया. यह डेयरी आज 27 हजार करोड़ से ऊपर का कारोबार कर रहा है. मंत्री ने पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री व वर्गीज कूरियन की भेंटवार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ अच्छे मैनेजमेंट के कारण सफल हो सका. कार्यक्रम में एमएलसी एस गुलरेज होदा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल, दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल, सारण प्रमंडल के आयुक्त प्रभात शंकर, वित्त (संसाधन) सचिव एचआर श्रीनिवास, डीएम धर्मेंद्र सिंह, डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे. वहीं तिरहुत, सारण व दरभंगा प्रमंडल से अर्थशास्त्री, कृषि, स्वास्थ्य, श्रम संगठन, सामाजिक सुरक्षा, महिला कल्याण, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, उद्योग, व्यवसाय, परिवहन, खेल जगत से जुड़े विशेषज्ञों ने सुझाव दिये. सुझाव देने वालों में पू.चं. चैंबर ऑफ कॉमर्स के वीरेंद्र जलाल, किसान सुंदर देव शर्मा, प्रो डॉ इंद्रजीत प्रसाद, अर्थशास्त्री डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद व डॉ एसएन झा, डॉ प्रभावती कुमारी चौहान, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मोतीलाल छापड़िया, शिक्षाविद अनिल प्रकाश, मत्स्य पालक लाल बाबू सहनी, खेल जगत के प्रो सुधीरचंद्र मिश्रा, संजू सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल थे. कृषि क्षेत्र के विकास पर आये अधिक सुझाव- कृषि सिंचाई सुविधा को विकसित करने, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी बढ़ाने, अक्तूबर माह से धान खरीद किया जाये- फसल क्षति करने वाले नीलगाय व सूअर को मारने में प्रशिक्षित लोगों को लगाया जाये.- लीची, आम, कटहल फल के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना, कृषि बीज में आत्मनिर्भर बनने की व्यवस्था करने, गन्ना उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए अधिक उपज वाले बीज तैयार करने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने का सुझाव- कृषि अधारित उद्योग को पुन: चालू कराने, किसानों को समुन्नत बीज उपलब्ध कराने, खाद्यान्न भंडारण हेतु गोदाम बनवाने, बैंक को किसान फ्रेंडली बनाया जाये.- ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए माइक्रो फिनांसिंग योजना तैयार करने – कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति करने- खेतिहर मजदूर को सामूहिक रूप से संगठित कर खेती करने के लिए भूमि व पूंजी उपलब्ध कराने- जलजमाव वाले क्षेत्र में कृषि को प्रोत्साहित करने, जलजमाव वाले क्षेत्र में झींगा, कमल के फूल की खेती कराने- कृषि विवि के विभिन्न शाखाओं का विस्तार करने व उनमें पर्याप्त वित्तीय सुविधा उपलब्ध हो ताकि कृषि क्षेत्र में प्रयोग से विकास हो. – पश्चिमी कोषी नहर का निर्माण पुन आरंभ करवाया जाये. अत्यधिक उर्वरक के प्रयोग से बचने के लिए जैविक उर्वरक का प्रयोग को लेकर उद्योग विकसित करने, सिंचाई के लिए तालाबों की शृंखला बने. – मत्स्य पालकों को कृषि की तरह सुविधा उपलब्ध हो ताकि इसका विकास हो. – केला उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए केला अनुसंधान केंद्र बनाया जाये- बंधुआ मजदूर के पुनर्वास के लिए पुनर्वासन व पेंशन राशि बढ़ाने तथा अस्तित्व योजना पुनर्जीवित किया जाये. – अशिक्षित व कामकाजी महिलाओं का बंध्याकरण फसल रहित मौसम में चलंत अस्पताल के माध्यम से करने की व्यवस्था हो.- अन्य राज्यों में परिचालन किये जाने वाले वाहनाें का चेक-पोस्ट सुदृढ़ करने, ओवरलोडिंग रोकने की व्यवस्था हो- बिसमिल्लाह खा संगीत विवि खोला जाये ताकि संगीत के क्षेत्र को बढ़ावा मिले. – टैक्स युक्ति संगत (सर्वमान्य) हो. बहुत से सामान कपड़ा, बालू, नमकीन आदि पर टैक्स बढ़ाया गया है. इसे वापस लिया जाये. कपड़ा पर से पूर्ण रूप से टैक्स हटाया जाये.

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