संपादकजी के ध्यानार्थ ….. बजट को जन सहभागिता के बहाने निगम की स्वायतता समाप्त करने की साजिश नगरपालिका अधिनियम के प्रतिकूल है सरकारी आदेश दरभंगा. स्थानीय निकाय (नगर निकाय) एक स्वायत शासी संस्थान माना जाता है. नगरपालिका अधिनियम 2007 में भी इसके विभिन्न उपबंधों की चर्चा है. लेकिन राज्य सरकार नगर निकाय के इस स्वायतता संबंधी अधिकार में वार्षिक बजट के अनुमोदन के बहाने उसमें हस्तक्षेप शुरू कर दी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीना ने राज्य के सभी नगर निकायों को पत्र भेजकर वार्षिक बजट का अनुमोदन बोर्ड से कराने के बाद सरकारी अनुमोदन के लिए प्रस्तावित बजट को भेजने का निर्देश दिया है. प्रधान सचिव के इस पत्र से नगर निकाय के स्वायत शासी संबंधी अधिकार पर सवालिया निशान लगने लगा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 84(1) के अनुसार नगर निकाय को यह अधिकार है कि बजट प्राक्कलन वह अपने अनुरूप अंगीकार करेगी. धारा 84(2) में सरकार को नगरपालिका द्वारा अनुमोदित बजट में सिर्फ राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता से सम्बद्ध उपबंधों में ही परिवर्तन का अधिकार है. सूत्रों के अनुसार नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव ने पत्रांक 9/विविध-23/1302 के आलोक में राज्य के सभी नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट की तैयारी संबंधी दिशा निर्देश को जो पत्र भेजा है उसमें बजट बनाने से पूर्व वार्ड में वार्डसभा की तिथि 18 से 22 जनवरी तक निर्धारित किया है. पत्र में बजट पारित करने के लिए सशक्त स्थायी समिति एवं नगर निगम बोर्ड की बैठक की तिथि भी निर्धारित करके भेज दी गयी है. इसके तहत स्थायी समिति 29 जनवरी तक प्रस्तावित बजट अनुमोदित करने तथा निगम बोर्ड से 4 फरवरी तक अनुशंसित कराने का निर्देश दिया है. इसी पत्र में प्रधान सचिव ने प्रमंडलवार बजट पर चर्चा के लिए तिथि भी निर्धारित कर दी है जिसमें 8 फरवरी को पटना, 9 को तिरहुत, 10 को सारण, 11 को दरभ्ंागा सहित सभी 9 प्रमंडलों की तिथियां हैं. नगर विकास एवं आवास विभाग ने सभी नगर निकायों को वित्तीय वर्ष 2016-17 के वित्तीय बजट को ले जो दिशा निर्देश जारी किया है, उसमें बजट निर्माण में सार्वजनिक भागीदारी के लिए सभी वार्डों में वार्डसभा कर उसमें 11 बिंदुओं पर आमलोगों की राय लेकर उसे बजट में शामिल करने का निर्देश दिया है. स्थानीय स्तर पर वार्डसभा में हर घर तक पक्की सड़क के उद्देश्य से उसे चिन्हित कर सभा में उसका प्रस्ताव लेना है. वार्ड में जलजमाव की समस्या दूर करने को जो भी संरचनात्मक कार्य आवश्यक हो, उस संबंधी प्रस्ताव पारित करना है. पार्क एवं हरे क्षेत्र के विकास के लिए वार्ड में पूर्व के पार्क को विकसित करने तथा नये पार्क संबंधी भी निर्णय लेना है. वार्ड मे ं पर्याप्त प्रकाश जैसे- स्ट्रीट लाइट व एलइडी लाइट का भी प्रस्ताव पारित करना है. वार्ड कार्यालय की स्थापना के लिए किसी सरकारी भवन को चिन्हित करने, यदि वहां जगह नहीं है तो किसी वैसे स्थल पर सर्वसम्मति प्रयास करनी है. वार्ड सभा की बैठक में जो भी काम आयेंगे, उन सबों को बजट मे ंशामिल करना है. सरकार के इस पत्र से नगर निकाय के पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि सकते में हैं. पहली बार नगर निकाय को बजट पूर्व 12 पृष्ठों का यह निर्देश पत्र तिथिवार कार्य निष्पादन के लिए भेजा गया है. अब देखना है कि नगर निकाय की स्वायतता में सेंध लगानेवाले इस आदेश को मेयर से लेकर पार्षद तक किस रूप में स्वीकार करते हैं.
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संपादकजी के ध्यानार्थ ….. बजट को जन सहभागिता के बहाने निगम की स्वायतता समाप्त करने की साजिश
संपादकजी के ध्यानार्थ ….. बजट को जन सहभागिता के बहाने निगम की स्वायतता समाप्त करने की साजिश नगरपालिका अधिनियम के प्रतिकूल है सरकारी आदेश दरभंगा. स्थानीय निकाय (नगर निकाय) एक स्वायत शासी संस्थान माना जाता है. नगरपालिका अधिनियम 2007 में भी इसके विभिन्न उपबंधों की चर्चा है. लेकिन राज्य सरकार नगर निकाय के इस स्वायतता […]
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