बगदाद :पूर्वी अफगान शहर जलालाबाद में आज पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के समीप एक आत्मघाती विस्फोट और फिर गोलीबारी हुई. इस हमले में 7 लोगों के मारे जाने की खबर है. अब सैन्य अभियान खत्म हो चुका है और इलाके में तलाशी अभियान जारी है. हमले के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया. घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर भारतीय दूतावास भी है. स्थानीय अफगान अधिकारियों ने बताया कि वे लोग वाणिज्य दूतावास के बाहर हुए हमले की जांच कर रहे हैं. दूतावास भारतीय राजनयिक मिशन के समीप ही है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने एएफपी को बताया, ‘आत्मघाती हमले के बाद पांच पुलिसकर्मी मारे गये. इस हमले के बाद गोलीबारी हुई.’
उन्होंने बताया, ‘यह घटना पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के पास हुई लेकिन अभी हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि क्या यह हमला योजनाबद्ध था.’ अब तक किसी भी गुट ने हमले कर जिम्मेदारी नहीं ली है. इस माह हमलों में दो बार भारतीय हितों को निशाना बनाया गया. एक हमला मजार ए शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुआ और दूसरे हमले में उग्रवादियों ने भारत के उत्तरी राज्य पंजाब में वायुसेना के एक स्टेशन को निशाना बनाया.
कल मंगलवार को जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास एक छोटा बम फटा था लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. ताजा हमला ऐसे समय पर हुआ है जब तालिबान के साथ रुकी हुई शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने के लिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार को इस्लामाबाद में बातचीत हुई है.
पिछले 10 दिनों में अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावासों के आसपास हुआ यह तीसरा हमला है दूसरी ओर कल ही अफगानिस्तान के एक बडे अधिकारी ने भारतीय दूतावास पर हुए पिछले हमले में पाकिस्तानी सेन के जवानों के शामिल होने की बात कही है. अधिकारी ने कहा कि पिछले हफ्ते मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी शामिल थे.
बाल्ख प्रांत के पुलिस प्रमुख सैयद कमाल सादत ने कहा, ‘हमने अपनी आंखों से देखा और मैं 99 फीसदी कह सकता हूं कि वे हमलावर पाकिस्तानी सेना से थे और उन्होंने अपने अभियान को पूरा करने के लिए खास तरकीब का इस्तेमाल किया.’ सादत ने कहा कि हमलावर, सीमापार के अधिकारी थे, अच्छी तरह से प्रशिक्षित सैन्यकर्मी थे जिन्होंने 25 घंटे के घेराव के दौरान अफगान सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष किया.
टोलो न्यूज के अनुसार सादत ने कहा, ‘हमलावार सैन्यकर्मी थे. वे शिक्षित और पूरी तरह तैयार थे और उनके पास खुफिया जानकारी थी. वह हमसे लडे और अल्लाह के फजल से ही कि हम उनपर काबू करके उन्हें खत्म कर पा.’ पुलिस प्रमुख ने कहा कि जिन लोगों ने हमलावरों को भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने के मकान में पहुंचने में मदद की, उनका पता लगाने, उनकी पहचान करने और हिरासत में लेने की कोशिश चल रही है.
जब वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ तब भारत तिब्बत पुलिस बल (आईटीबीपी) के प्रहरियों ने उनकी कोशिश नाकाम कर दी. चार दर्जन से अधिक आईटीबीपी कमांडो देश में तीन अन्य मिशनों और राजधानी काबुल में मुख्य दूतावास के अलावा इस वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में वर्ष 2008 से लगे हैं. हाल में इनकी सुरक्षा बढा दी गई है.