तामिलनाडु : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में पोंगल के दौरान सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. यह रोक केवल तामिलनाडु में ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होगा. तामिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले ही चार साल पुरानी रोक को एक अध्यादेश जारी कर हटा दिया था. इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करने वाली याचिकाओं का उल्लेख चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया गया था. पीठ इस पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गयी थी.
केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को रोक हटा लिया था और कुछ खास प्रतिबंध लगाये थे लेकिन इस पर एनीमल वेल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) इंडिया और एक बेंगलुरु स्थित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सरकार के रोक हटाने वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक लगायी.
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एक समय तमिलनाडू में आयोजित होनेवाले जल्लीकट्टू को लेकर एक दर्दनाक वीडियो वायरल हो गया था. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे प्रतियोगिता से पहले सांडों के साथ अत्याचार किया जाता है. उन्हें शराब पिलाई जाती है और डंडे से मारा जाता है. उसके बाद खुलु मैदान में उन्हें दौड़ाकर काबू में करने का प्रयास किया जाता है. जल्लीकट्टू तमिलनाडु में पोंगल के त्यौहार के हिस्से के तौर पर मट्टू पोंगल के दिन आयोजित किया जाता है. पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है.