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लाइब्रेरियन न होने से पीयू के पुस्तकालयों का बुरा हाल

लाइब्रेरियन न होने से पीयू के पुस्तकालयों का बुरा हाल- चीफ लाइब्रेरियन का पोस्ट दस वर्षों से खाली – लाइब्रेरी साइंस के शिक्षक भी नहीं – जैसे-तैसे चल रहा काम, छात्रों को होती है परेशानीसंवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की भारी कमी है, इसकी वजह से विवि के पुस्तकालयों का बुरा हाल है. इस […]

लाइब्रेरियन न होने से पीयू के पुस्तकालयों का बुरा हाल- चीफ लाइब्रेरियन का पोस्ट दस वर्षों से खाली – लाइब्रेरी साइंस के शिक्षक भी नहीं – जैसे-तैसे चल रहा काम, छात्रों को होती है परेशानीसंवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की भारी कमी है, इसकी वजह से विवि के पुस्तकालयों का बुरा हाल है. इस वजह से पुस्तकालयों की देख-रेख और रख-रखाव की स्थिति काफी खराब है. कई जगहों पर तो किताबों को दीमक चाट रहे हैं. किसी प्रकार से दूसरे कर्मचारियों के मार्फत लाइब्रेरी में काम चल है. सेंट्रल लाइब्रेरी में चीफ लाइब्रेरियन का पोस्ट भी पिछले 10 वर्षों से अधिक खाली है. वहीं असिस्टेंट लाइब्रेरी और रिसर्च असिस्टेंट का पोस्ट भी खाली है. यही नहीं लाइब्रेरी साइंस के शिक्षक भी नहीं है. जैसे-तैसे लाइब्रेरी का काम चल रहा जिसकी वजह से छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पोस्ट पड़े हैं खालीपटना विश्वविद्यालय में चीफ लाइब्रेरियन उग्रमोहन झा के रिटायरमेंट के बाद अब तक कोई भी चीफ लाइब्रेरियन की बहाली नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त असिस्टेंट लाइब्रेरियन का सात पोस्ट है वह भी खाली है. रिसर्च असिस्टेंट का दो पोस्ट है वह भी खाली ही है. इसके अतिरिक्त लाइब्रेरी में सहयोगी कर्मियों का भी पोस्ट खाली ही है. जैसे लाइब्रेरी के लिए अकाउंटेंट व अन्य कर्मचारियों का भी कई पोस्ट खाली है. सामान्य कर्मचारी अनुभव के आधार पर लाइब्रेरी में रखरखाव से लेकर किताबें देने लेने तक का काम कर रहे हैं. कॉलेजों में भी वही हालतकॉलेजों व पीजी विभाग में भी कमोवेश यही स्थिति है. कॉलेजों में कहीं कहीं लाइब्रेरियन है तो कहीं नहीं है. कुछ विभागों की स्थिति ऐसी भी है जहां लाइब्रेरियन नहीं होने की वजह से लाइब्रेरी ही बंद है. पीजी वनस्पति विभाग में तो पिछले एक साल से ताला लगा हुआ है. सिर्फ लाइब्रेरियन के नहीं रहने की वजह से छात्रों को किताबें भी नहीं मिल पा रही हैं. इसके विभागाध्यक्ष ने सुरेंद्र प्रसाद सिंह के अनुसार इस संबंध में वे कई बार विवि को लिख चुके हैं और किताबों की जिम्मेवारी कैसे कोई ले सकता है. हुसैन ने ले रखी है जिम्मेवारीपटना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष इफ्तिखार हुसैन बताते हैं कि विभाग के हेड क्लर्क ही किताबों की जिम्मेवारी संभालते हैं. वही किताबें देते हैं और वापस लेते हैं. हिसाब किताब भी वहीं रखते हैं. पटना कॉलेज लाइब्रेरी का भी यही हाल है. हालांकि यहा कुछ कर्मचारी काम धाम देखते हैं.बीएन कॉलेज में एक लाइब्रेरियन व एक असिस्टेंट लाइब्रेरियन के सहारे लाइब्रेरी चल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार लाइब्रेरियन के लिए करीब तीन साल पहले एक बार वेकैंसी निकली थी, फॉर्म भी जमा हुए थे लेकिन अब तक उसकी बहाली नहीं हो पायी. लाइब्रेरी में ना तो लाइब्रेरियन हैं और ना लाइब्रेरी साइंस के शिक्षक. अन्य कर्मचारियों की मदद से हम लाइब्रेरी का काम देखते हैं. काफी परेशानी होती हैं, क्योंकि लाइब्रेरी के लिए यदि ट्रेंड लोग मिलें, तो काफी सहूलियत होगी. फिर भी हम किसी तरह काम चलाते हैं. लाइब्रेरी साइंस के शिक्षक को लेकर विवि को लिखा जा रहा है. श्रीराम पद्मदेव, निदेशक, सेंट्रल लाइब्रेरी

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