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इलाज के लिए पंद्रह अस्पताल, बने सर्फि तेरह फीसदी स्मार्ट कार्ड

इलाज के लिए पंद्रह अस्पताल, बने सिर्फ तेरह फीसदी स्मार्ट कार्ड -20 अस्पतालों को जोड़ने के लिए आया प्रस्ताव, जांच के बाद संबद्धता – 89 हजार आठ सौ 25 परिवारों का ही कार्ड बना – सितंबर से कार्ड बनाने पर लगी है रोक उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में बीपीएल परिवार के इलाज […]

इलाज के लिए पंद्रह अस्पताल, बने सिर्फ तेरह फीसदी स्मार्ट कार्ड -20 अस्पतालों को जोड़ने के लिए आया प्रस्ताव, जांच के बाद संबद्धता – 89 हजार आठ सौ 25 परिवारों का ही कार्ड बना – सितंबर से कार्ड बनाने पर लगी है रोक उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में बीपीएल परिवार के इलाज के लिए अब पंद्रह अस्पताल पैनल में आ चुके हैं. बीस और निजी अस्पतालों को जोड़ने के लिए सिविल सर्जन ने प्रस्ताव डीकेएम को भेजा है. जांच के बाद इन अस्पतालों की संबद्धता मिलती है तो, जिले में अस्पतालों की संख्या 35 हो जायेगा. इसमें तीन सरकारी अस्पताल है. हालांकि, अभी 13 अस्पतालों में ही लाभुकों का इलाज हो रहा है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि अब तक कुल लाभुकों की संख्या का तेरह प्रतिशत ही स्मार्ट कार्ड बना है. मतलब 87 प्रतिशत बीपीएल को नि:शुल्क इलाज के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. जिले में बीपीएल परिवार की कुल संख्या छह लाख 25 हजार एक सौ 68 है. इसमें से अब तक 89 हजार आठ सौ 25 परिवार का ही कार्ड बन पाया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में योजना कितने कारगर तरीके से लागू हो पायी है. इधर, 31 अगस्त के बाद से केंद्र सरकार के निर्देश पर लाभुकों के निबंधन व कार्ड बनाने के कार्य पर रोक लगी हुई है. इसके कारण करीब पौने छह लाख लोग फिलहाल योजना से बाहर हैं. केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद ही अब शेष बचे लाभुकों को कार्ड मिल पायेगा.तीस हजार तक मुफ्त इलाज आरजीएसवाइ (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा ) में एक स्मार्ट कार्ड पर तीस हजार का इलाज मुफ्त होगा. स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए लाभुकों से तीस रुपये लिया जाता है. एक कार्ड पर अधिकतम पांच व्यक्ति का इलाज किया जायेगा. भरती के दौरान मरीज को सभी दवाएं व जांच नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा. भरती न होने की स्थिति में मरीज काे अस्पताल रियायती दर पर दवा व जांच की सुविधा देंगे. यह होना चाहिए मानक -अस्पताल के पास कम-से-कम दस बेड की व्यवस्था हो. -सर्जरी के लिए सभी आवश्यक उपकरण.-अस्पताल में योग्य डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाॅफ की चौबीस घंटे ड्यूटी.-आयकर विभाग से निबंधित.

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