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नलकूप योजना का पानी खेतों तक नहीं पहुंचा

डुमरा : बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना से किसानों की सुविधा के लिए गत वर्ष ही यह योजना आयी थी. कम बारिश होने के चलते भू-जल आधारित सिंचाई पर किसानों की बढ़ी आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया था. अधिकांश बीडीओ के गंभीर नहीं रहने के चलते उक्त योजना का लाभ किसानों को […]

डुमरा : बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना से किसानों की सुविधा के लिए गत वर्ष ही यह योजना आयी थी. कम बारिश होने के चलते भू-जल आधारित सिंचाई पर किसानों की बढ़ी आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया था. अधिकांश बीडीओ के गंभीर नहीं रहने के चलते उक्त योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है.

अनुदान का है प्रावधान : योजना का लाभ खास कर लघु व सीमांत किसानों को देना है. कम से कम एक एकड़ कृषि योग्य भूमि वाले किसान योजना का लाभ उठा सकते हैं.
इसके तहत शैलो बोरिंग के लिए अधिकतम 15 हजार रुपये एवं मध्यम गहराई के नलकूप के बोरिंग के लिए अधिकतम 35 हजार रुपये अनुदानित है. पंपसेट पर भी सरकार 10 हजार रुपये अनुदान देगी.
कैसे मिलेगा लाभ : योजना के लाभ के लिए किसान संबंधित बीडीओ के यहां आवेदन देंगे. शपथ पत्र भी देंगे और उसमें स्पष्ट कर देंगे कि इससे पूर्व नलकूप के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है.
आवेदन में बैंक खाता का उल्लेख करना होगा. आवेदन पर कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार या पंचायत प्रतिनिधियों में से किसी एक का अनुशंसा होना आवश्यक है. आवेदन के साथ भूमि का रसीद देना है. जांच के बाद आवेदन स्वीकृत किया जायेगा. इस मामले में धोखाधड़ी करने वाले किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने व राशि की वसूली करने का भी प्रावधान किया गया है.
अधिकारी करेंगे निरीक्षण : स्थापित कुल नलकूपों के 10 प्रतिशत के निरीक्षण लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता, 50 फीसदी का सहायक अभियंता, 30 फीसदी का बीडीओ व 10 फीसदी का डीएओ निरीक्षण करेंगे. इसके बाद ही किसी किसान को अनुदान का लाभ मिल पायेगा.

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