कोलकाता. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल के विकास के लिए हर संभव मदद करेगी. बंगाल में निवेशकों को आकर्षित करने के राज्य सरकार के प्रयासों में केंद्र पूरा सहयोग करेगा. निवेशक बेचैनी से ऐसे वातावरण की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें उनके निवेश पर नतीजे मिलें.
उन्हाेंने आगाह किया कि यदि आप निवेश आकर्षित करने की स्थिति में नहीं होंगे, तो निवेश प्रवाह सूख जायेगा. हालांकि उन्होंने राज्य का पूरा सहयोग करने की बात तो कही, लेकिन जब राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से वाममोरचा सरकार के कार्यकाल के दौरान लिये गये दो लाख करोड़ रुपये के कर्ज में छूट देने की बात कही तो केंद्रीय मंत्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. श्री जेटली ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए राज्याें में मजबूत वृद्धि हासिल करना बेहद जरूरी है.
ऐसा होने से गरीबी का मुकाबला किया जा सकेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्याें से यह अतिरिक्त वृद्धि आनी चाहिये, जहां पिछले 35 साल के दौरान अपनायी गयी नीतियों से औद्योगिकीकरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है. श्री जेटली ने कहा कि प्रतिकूल वैश्विक स्थिति के बीच भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत है और पूरी दुनिया की निगाहें भारत की ओर है. उन्हाेंने पूछा कि क्या इस विकास दर में एक प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ना कठिन है, जबकि इससे हमें गरीबी से संघर्ष करने व रोजगार सृजन में मदद मिल सकेगी. यह पूर्वी व उत्तर पूर्वी भारत में स्थित राज्यों के विकास से ही संभव है.
विकास में बाधक न बने राजनीतिक मतभेद
श्री जेटली ने कहा कि देश के संघीय ढांचे के मद्देनजर यह बेहद जरूरी है कि राज्यों का तेजी से विकास हो. राजनीतिक मतभेदाें के बावजूद, मजबूत राज्यों का मतलब है एक ताकतवर भारत. उन्हाेंने कहा कि पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में 6 से 7 प्रतिशत का योगदान करता है. पूर्वी राज्यों की वृद्धि पश्चिमी राज्यों से कम है, ऐसे में अतिरिक्त वृद्धि पूर्वी राज्याें से आनी चाहिये. उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की नीति अपना रहा है. इसी के लिए वह 14वें वित्त आयोग की सिफारिशाें पर सहमत हुआ है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा हमारे नियमित संपर्क में हैं. राजनीतिक मतभेदाें के बावजूद सभी मुद्दाें को तेजी से निबटाया जा रहा है.
राज्य की पुरानी सरकार की वजह से पिछड़ा है बंगाल
जेटली ने कहा कि राज्य में औद्योगिकीकरण पिछले साढ़े तीन दशक के दौरान अपनायी गयी नीतियों की वजह से प्रभावित हुआ है. जबकि कभी ऐसा समय था, जब बंगाल पूरे देश में सबसे विकसित औद्योगिक हब था. इस तरह के सम्मेलन हर वर्ष होते हैं और इनसे स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि समय की जरूरत वृद्धि तेज करना, राजस्व बढ़ाना और गरीबी से लड़ाई है, जिसके लिए निवेश की जरूरत है. उन्हाेंने कहा कि राज्य जो कि अपनी चमक गंवा चुका है उसे फिर से हासिल किया जाना चाहिए. उन्हाेंने राज्य सरकार को आश्वस्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सेवा क्षेत्र में सुधार आया है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में भी स्थिति सुधरती दिख रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बुनियादी व सामाजिक ढांचे में सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की है.