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बागवानी में दूसरे स्थान पर भारत

प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद उत्पादन में हो रही वृद्धि बीते कई वर्षों से देश में किसानों को मॉनसून के धोखे से रू-ब-रू होना पड़ रहा है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी हिम्मत, मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज बागवानी के क्षेत्र में देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. स्थिति […]

प्राकृतिक आपदाओं

के बावजूद उत्पादन में हो रही वृद्धि

बीते कई वर्षों से देश में किसानों को मॉनसून के धोखे से रू-ब-रू होना पड़ रहा है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी हिम्मत, मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज बागवानी के क्षेत्र में देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. स्थिति यह कि हमारे यहां लगातार तीसरे साल खाद्यान्न के मुकाबले फल व सब्जियों का उत्पादन बढ़ा है. पेश है एक रिपोर्ट…

2014-15 में लगातार तीसरे वर्ष भारत के बागवानी उत्पादों का उत्पादन खाद्यान्न की तुलना में ज्यादा हुआ है. समय पर मौसम का साथ न मिलने के बावजूद फल-सब्जियों की पैदावार बढ़ी है, जबकि 2013-14 की तुलना में 2014-15 में खाद्यान्न के उत्पादन में गिरावट आयी है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में फल उत्पादन में महाराष्ट्र सबसे आगे है व प बंगाल सब्जियों के उत्पादन में.

इसी प्रकार फूलों के उत्पादन में तमिलनाडु सबसे आगे है, तो मसालों के उत्पादन में गुजरात पहले स्थान पर है. तमिलनाडु पौधरोपण के मामले में भी नंबर वन है. आंकड़े बताते हैं कि खाद्यान्न के बॉस्केट में गेहूं, चावल, मोटे अनाज, तेल व दाल को शामिल किया गया है, जबकि बागवानी में सब्जी, पौधरोपण, फूल, फल, मसाले और एरोमेटिक्स को.

शहरों में पोषक तत्वों का इस्तेमाल : कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि गांवों की अपेक्षा शहरों में फल और सब्जियों के साथ पोषक तत्वों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्ट में जिलावार सांख्यिकी के आंकड़ों को पेश किया गया है. यह भी कहा गया है कि देश में बीते वर्षों में बागवानी उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि हुई है.

दुनिया में दूसरे स्थान पर भारत : बागवानी उत्पाद के उत्पादनों में देश दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है. आंकड़े बताते हैं कि भारत के कुल बागवानी क्षेत्रों में करीब 90 फीसदी क्षेत्र में फल और सब्जियों का उत्पादन किया जाता है. भारत में बागवानी उत्पादों में आम, केला, पपीता, काजू, सुपारी, आलू और भिंडी का उत्पादन अधिक किया जाता है.

1,08,649 लाख रुपये का निर्यात : आंकड़े बताते हैं कि समीक्षाधीन वर्षों के दौरान भारत से बागवानी उत्पादों में करीब 1,08,649 लाख रुपये मूल्य के आम और केला (107.3 हजार टन) का निर्यात किया गया है. इस दौरान ताजी सब्जियों के निर्यात में भी वृद्धि हुई है. मंत्रालय द्वारा पेश किये गये आंकड़े इस बात को भी दर्शाते हैं कि भारत में बीते वर्षों में बागवानी क्षेत्रों में वृद्धि होने के साथ ही उत्पादन में भी विकास हुआ है. कृषि उत्पादों में बागवानी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ी है. दूसरी ओर यह भी बताया गया है कि देश में बागवानी क्षेत्र की गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही मासिक शृंखला के तहत आलू, टमाटर और प्याज आदि के उत्पादन और उनके मूल्यों का भी मूल्यांकन किया गया है.

नीति से मिली मदद

बागवानी को लेकर तैयार किये गये इन आंकड़ों से देश के नीति निर्धारकों को किसानों के हित में ध्यान में रख कर नीति बनाने में मदद मिलेगी. बीते वर्षों में देश के बागवानी क्षेत्र में विस्तार हुआ है. इसके परिणामस्वरूप उत्पादन में भी वृद्धि हुई है.

राधा मोहन सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री

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