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दक्षिण कोरिया की गुप्तचर एजेंसी का दावा, उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन नहीं परमाणु परीक्षण किया

डिजिटल टीम अपने दुस्साहस के लिए मशहूर उत्तर कोरिया ने आज फिर पूरी दुनिया को चौंकाया. दुनिया ने जिसे आज उत्तर कोरिया में आया 5.1 तीव्रता का भूकंप माना दरअसल वह उसका हाइड्रोजन बम का परीक्षण था. उत्तर कोरिया के द्वारा हाइड्रोजन बम का परीक्षण किये जाने पर संयुक्त राष्ट्र संघ सक्रिय हो गया है […]

डिजिटल टीम


अपने दुस्साहस के लिए मशहूर उत्तर कोरिया ने आज फिर पूरी दुनिया को चौंकाया. दुनिया ने जिसे आज उत्तर कोरिया में आया 5.1 तीव्रता का भूकंप माना दरअसल वह उसका हाइड्रोजन बम का परीक्षण था. उत्तर कोरिया के द्वारा हाइड्रोजन बम का परीक्षण किये जाने पर संयुक्त राष्ट्र संघ सक्रिय हो गया है आैर इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी बुलायी गयी है.हालांकि दोपहर में खबर आ रही है कि दक्षिण कोरिया की गुप्तचर एजेंसी ने अपने सांसदों को बताया है कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का नहीं, परमाणु बम का परीक्षण किया है. ध्यान रहे कि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया की इस गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है.

हम-आप कुछ महीनों के अंतराल पर उत्तर कोरिया केमात्र 33 साल के शासक किम जोंग उन को टीवी स्क्रीन पर देखते हैं, जिसमें वह अपने पड़ोसी व प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया व दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को खुली चुनौती देते दिखते हैं. दुनिया के दूसरे शासकों की तरह कूटनीतिक,अमनवसाझाविकास के संदेश देना उनके शब्दकोश में है ही नहीं. कहते हैं यथा राजा तथा प्रजा या यह भी कहते हैं कि राजा का व्यक्तित्व अपने देश के स्वभाव व चरित्र का भी प्रतीक होता है. उत्तर कोरिया और किम जोंग उन के संदर्भ में भी ऐसा ही है.

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दक्षिण कोरिया की गुप्तचर एजेंसी का दावा, उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन नहीं परमाणु परीक्षण किया 4

(हाइड्रोजनबमकेपरीक्षणकेबादराजधानीज्योंगयांगमेंरेलवे स्टेशन के निकट खुशीकाइजहारकरतेलोग)

परमाणु बम से भी शक्तिशाली है हाइड्रोजन बम


उत्तर कोरिया ने अपने समय के अनुसार सुबह 10 बजे व अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार, साढ़े तीन बजे हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया. वहां के सरकारी टेलीविजन ने कहा, ‘‘अपने ऐतिहासिक हाइड्रोजन बम की सटीक सफलता से हम विकसित परमाणु देशों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं.’ किसी हाइड्रोजन या थर्मोन्यूक्लियर उपकरण श्रृंखला अभिक्रिया में संलयन का प्रयोग करता है जिससे अकेले प्लूटोनियम या यूरेनियम से होने वाले विखंडन विस्फोट की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली विस्फोट होता है. किम ने पिछले महीने यह संकेत दिया था कि प्योंगयांग ने पहले ही एक हाइड्रोजन बम विकसित कर लिया है लेकिन उनके इस दावे पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने प्रश्न उठाए थे और परीक्षण के संबंध में बुधवार कोकीगयी घोषणा को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. बहरहाल, यह उत्तर कोरिया का चौथा परमाणु परीक्षण था, भले ही वह हाइड्रोजन बम था या नहीं इसकी पुष्टि बाद में ही होगी. अमेरिका ने भी अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है.अमेरिकाव जापान ने इस परीक्षण की कड़ी निंदा की है. यहां तक कीउत्तरकोरिया केअपेक्षाकृत बेहतर संबंध वाला राष्ट्र चीन ने भी इसकी निंदा की है.संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदकीइस मुद्दे पर बैठक भी बुलायीगयी है.


उत्तर कोरिया ने इससे पहले वर्ष 2006, वर्ष 2009 और वर्ष 2013 में परीक्षण किए थे जिसके बाद उस पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगाए गए थे. प्रतिबंधों के चौथा परीक्षण रोक पाने में नाकाम रहने के बाद सुरक्षा परिषद पर इस बात का दबाव बढ़ जाएगा कि वह इस बार औरकड़े कदम उठाए.

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(उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण के बाद टीवी स्क्रीन पर उसकी गतिविधियों की निगरानी करता दक्षिण कोरिया)


इस परीक्षण के बाद विशेषरूप से अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने चुनौती पैदा होगयी है जिन्होंने 2014 में दक्षिण कोरिया की अपनी यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया को ‘‘अछूत देश’ करार दिया था और संकल्प लिया था कि यदि प्योंगयांग और परीक्षण करता है तो उसके खिलाफ औरकड़े कदम उठाए जाएंगे. आज भी अमेरिका ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया की इस उकसावे की कार्रवाई का माकूल जवाब देगा.


उत्तर कोरिया के शासक की रहस्यमय दुनिया किम जोंग उन दुनिया के खतरनाक शासकों में शुमार किये जाते हैं. वे जिस उम्र में यहां की सत्ता के सर्वोच्च आसन पर पहुंचे, उस उम्र में दुनिया के ज्यादातर देशों में कोई युवा बतौर एक राजनीतिक कार्यकर्ता अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करता है. वह अपने पिता की ही तरह रहस्यमय शख्स हैं.उन्होंने 2012 मेंमात्र29 साल की उम्र मेंदेश की पूर्ण रूपेण कमान संभाली. हालांकि इससे पहले ही वे शासन की गतिविधियों में शामिल हो गये थे. दरअसल, उनके पिता वतत्कालीन शासककियजोंग इल को 2008में पक्षघातमारगया, जिसके बाद पिता ने अपने इस पुत्र को सक्रिय करना आरंभ कर दिया. वे नेशनल डिफेंस कमिशन के फर्स्ट चेयरमैन,कोरियन आर्मी केसुप्रीमकमांडर व वर्कर्स पार्टी आॅफ कोरिया के फर्स्ट सेक्रेटरी के रूप में सर्वशक्ति संपन्न शासक हैं. उन्हें चुनौती देना तो दूर उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. शासन चलाने में उनके सभी वरिष्ठ सहयोगी उनसे उम्र में कम से कम तीन गुणा बड़े हैं.


किम जोंग उन अपने पिता की तीन संतानों में सबसे छोटे हैं. इस आदमी के आसपास के तिलिस्म को ऐसे समझ जा सकता है, उनके जन्म के वास्तविक वर्ष के बारे में भी अटकलें ही लगायी जाती है कि 1983 में जन्म हुआ था या 1984 में. स्विटजरलैंड में पढ़े लिखे इस शख्स का आरंभ में अपने देश से कम ही वास्ता रहा. उनके पिता व दादा को देश के बारे में अच्छी जानकारी थी. किम ने सत्ता संभालने के बाद अपने चाचा व बहन को भी अहम जिम्मेवारियां दी. दोनों को उन्होंने सेना में अहम पद दिये. हालांकि उनके बारे में यह माना जाता है कि स्विटजरलैंड में पढ़ाई करने के कारण उन्हें पश्चिमी देश की समझ है.

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बदहाल अर्थव्यवस्था पर लहलहा रही हथियारों की फसल


उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति खास्ताहाल है. उससे वहां के तानाशाह शासक का कोई सरोकार नहीं है. अपने सहजन्मा राष्ट्र दक्षिण कोरिया से इसकी अर्थव्यवस्था बहुत पस्तहाल है. दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति आय उत्तर कोरिया से लगभग 20 गुणा अधिक है. जबकि उत्तर कोरिया की आबादी दक्षिण कोरिया की तुलना में लगभग आधी है. दक्षिण कोरिया की आबादी जहां लगभग पांच करोड़ है, वहीं उत्तर कोरिया की आबादी ढाई करोड़ के आसपास है.


इससे उलट उत्तर कोरिया की सैन्य शक्ति दोगुणी है. इससे स्पष्ट है कि उत्तर कोरिया अपने धन का निवेश उत्पादक कार्य में कम करता है, जबकि उसे हथियाराें की खेप तैयार करने में ज्यादा खर्च करना है. इसके कारण वहां के लोगों भीषण गरीबी झेलने को मजबूर हैं. पश्चिमी मीडिया की कुछ रिपोर्टों में तो यहां तक कहा गया है कि वहां बहुत सारे लोगों के घर में चूल्हा जलने लायक भी हालत नहीं है.


उत्तर कोरिया के पास जहां लगभग 10 लाख सैनिक हैं, वहीं दक्षिण कोरिया के पास सवा पांच लाख के आसपास. उत्तर कोरिया के पास दक्षिण कोरिया से तीनागुणा अधिक पनडुब्बी, दोगुणा अधिक तोप व डेढ़ गुणा अधिक टैंक हैं. उत्तर कोरिया के शासन का मूल मंत्र है : मिलिट्री फर्स्ट. वहीं दक्षिण कोरिया अपने शानदार इलेक्ट्रानिक उत्पादों के कारण पूरी दुनिया में मिसाल बना हुआ है और उसकी आर्थिक सेहत बहुत मजबूत है. वहां के लोगाें का जीवन स्तर भी बेहतर है.



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