कोलकाता: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व गया टाउन से भाजपा के विधायक डॉ प्रेम कुमार ने मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग का समर्थन किया है. इस बाबत वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे.
मंगलवार को कोलकाता में मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने डॉ कुमार से मुलाकात कर उन्हें मगही को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, गया व क्यूल के बीच दोहरी रेल लाइन बनाने तथा छठ को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा. हाल में संघ द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया गया था और प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया था. इस अवसर पर संघ के महासचिव उदय शर्मा, विजय सिंह, चमारी शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, वीरेंद्र सिंह, राजेश शर्मा, प्रसादी राम, रामजतन सिंह, अजय सिंह, सुरेंद्र सिंह व अन्य उपस्थित थे.
इस अवसर पर डॉ कुमार ने ‘प्रभात खबर’ से बातचीत के दौरान बताया कि बिहार विधानसभा में 2006 में इस बाबत प्रस्ताव भी पारित किया गया था. मगध का ऐतिहासिक महत्व है तथा मगही भाषा बिहार के कई जिलों में प्रमुखता से बोली जाती है. इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके पहले ही मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था. बिहार के गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, पटना सहित कई इलाकों में मगही भाषा का इस्तेमाल किया जाता है. इस भाषा की अपनी विरासत व संस्कृति भी है. मगध का अपना इतिहास है. मगध के शासकों में जरासंध, चंद्रगुप्त मौर्य व सम्राट अशोक की कृति से सभी परिचित हैं तथा इन शासकों ने भारत को नयी पहचान दी थी और बृहत्तर भारत का निर्माण किया था.
बिहार में नीतीश को ताज, लालू का राज
डॉ कुमार ने हाल में बिहार में अभियंताओं की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है. तीन अभियंताओं की हत्या हो चुकी है. राज्य में बढ़ती अापराधिक घटनाओं के कारण बिहार के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. उद्योगों में निवेश नहीं हो रहे हैं और लोग प्लायन करने लगे हैं. राज्य के विभिन्न इलाकों से प्राचीन मूर्तियों की चोरी हो रही है. हिंदू धर्म के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाया जा रहा है. राज्य सरकार उनकी पूजा के मंदिरों को सुरक्षित करने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन राज्य लालू प्रसाद चला रहे हैं. नीतीश के सिर पर ताज है और लालू का राज है. उन्होंने कहा कि यदि राज्य की यही स्थिति बनी रही, तो वे लोग सड़क से लेकर विधानसभा तक लगातार आंदोलन करेंगे.