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शहर में अघोषित बस स्टैंड से लगता है जाम

शहर में अघोषित बस स्टैंड से लगता है जामनप बस स्टैंड के बंदोबस्ती के नाम पर वसूल रहा है लाखों का राजस्वलेकिन नहीं है वाहन पड़ाव की मुकम्मल व्यवस्था फोटो:6 व 7- बस स्टैंड पर बेतरतीब लगे वाहन. प्रतिनिधि, अररिया शहर में जहां देखो वहां जाम की समस्या बनी हुई है. लेकिन आम अवाम की […]

शहर में अघोषित बस स्टैंड से लगता है जामनप बस स्टैंड के बंदोबस्ती के नाम पर वसूल रहा है लाखों का राजस्वलेकिन नहीं है वाहन पड़ाव की मुकम्मल व्यवस्था फोटो:6 व 7- बस स्टैंड पर बेतरतीब लगे वाहन. प्रतिनिधि, अररिया शहर में जहां देखो वहां जाम की समस्या बनी हुई है. लेकिन आम अवाम की परेशानी से प्रशासन को कोई परवाह नहीं है. अररिया शहर की सूरत में विगत वर्षों में कई बदलाव शहरवासियों को देखने को मिले. अररिया शहर के बीचों बीच दो नेशनल हाईवे गुजरे हैं. इसमें इस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत बना एनएच 57 व गलगलिया से सुपौल तक जाने वाली 327 ई अररिया शहर को महत्वपूर्ण बना दिया है. इसके बावजूद शहर को व्यवस्थित करने व जाम की स्थिति से निबटने के लिए कोई प्रशासनिक पहल कारगर होता नहीं दिख रहा है. शहर के दो स्थानों पर बस पड़ाव बने हैं. एक जीरो माइल स्थित बस पड़ाव व दूसरा चांदनी चौक से रानीगंज जाने वाले 327 ई हाइवे पर है. जीरो माइल बस पड़ाव जिला परिषद के अंतर्गत आता है. जिला परिषद अंतर्गत आने वाले जीरो माइल बस स्टैंड पर बस स्टैंड बना हुआ है बावजूद सड़कों पर बस व ऑटो बेतरतीब लगे दिख सकते हैं. जबकि शहर में बस पड़ाव की कोई व्यवस्था नगर परिषद के द्वारा मुहैया नहीं कराया गया है. जिसका कारण है कि बस व ऑटो सड़कों पर ही लगे दिखते हैं. होती है बंदोबस्ती पर नहीं है बस स्टैंड नगर परिषद में बस स्टैंड व ऑटो स्टैंड के नाम पर बंदोबस्ती जरूर होती है. लेकिन वाहनों के ठहराव के लिए घोषित बस स्टैंड नहीं है. जिसका परिणाम है कि वाहन चालक यत्र -तत्र वाहनों का ठहराव करते हैं. शहर के एनएच 57 पर, एनएच 327 ई रानीगंज बस पड़ाव के पास, घोड़ा स्टैंड, नगर परिषद कार्यालय के पास, सदर अस्पताल के सामने आदि सड़कों पर ही ऑटो चालक द्वारा अघोषित स्टैंड बना दिया गया है. इन ऑटो चालकों के ठहराव के कारण शहरवासियों को जाम की समस्या से प्रति दिन दो चार होना पड़ता है. जाम के कारण एंबुलेंस भी जाम में फंस जाते हैं. नप को मिलता है लाखों का राजस्व स्टैंड नहीं पर नप के खजाने में राजस्व जरूर जाता है. जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए ऑटो स्टैंड के लिए नप को आठ लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि बस स्टैंड के लिए बंदोबस्ती नहीं हो पाने के कारण नगर परिषद के द्वारा स्वयं ही बस, मिनी बस, सवारी आदि वाहनों से वसूली की जाती है. माह दिसंबर तक नगर परिषद को बस स्टैंड के लिए दो लाख 70 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. यात्रियों व वाहन मालिकों को किसी भी प्रकार का सुविधा दिये बगैर नप को उनके राजस्व का भुगतान किया जा रहा है. देखा जाये तो नगर परिषद को सालाना ऑटो व बस से 11 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन बस पड़ाव के नाम पर वाहनों के लिए ठहराव की व्यवस्था शहर की व्यस्ततम सड़क है. ऑटो चालक डाकबंगला निवासी दिलीप मंडल, ओमनगर निवासी लक्ष्मी पासवान,घनश्याम पासवान आदि ने बताया कि उन लोगों को अगर प्रशासन पड़ाव की व्यवस्था कर दे तो फिर हम लोगों के लिए भी सुविधा होगी व यात्रियों को भी सुविधा होगी. यात्रियों को यह पता होगा कि उनको गाड़ी पकड़ने के लिए कहां से वाहन मिलेगा और ऑटो चालक को भी सवारी के लिए यत्र-तत्र गाड़ी खड़ा कर जद्दोजहद नहीं करना पड़ेगा. कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि बस पड़ाव नहीं होने के कारण ऑटो व बस चालक जहां तहां अपने वाहन लगा रहे हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि गाड़ी लगाने से आम लोगों को परेशानी नहीं हो. उन्होंने बताया कि बस पड़ाव बनाने को लेकर नगर विकास विभाग के द्वारा निर्देश प्राप्त है. लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण बस स्टैंड नहीं बन पा रहा है. कोसी सिंचाई प्रमंडल की जमीन पर बस पड़ाव बनाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तावित है. एनओसी लेने के लिए जिला पदाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया है. जमीन अगर उपलब्ध होगी तो नगर विकास विभाग बस स्टैंड बनायेगा.

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