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पठानकोट हमला : सभी छह आतंकी ढेर, पर्रिकर ने ‘कुछ कमियां” स्वीकार की

पठानकोट : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मारा गिराया गया है तथा उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ‘कुछ कमियां’ थीं जिनकी वजह से यह हमला हुआ. हमले में कुछ ‘पाकिस्तान निर्मित सामाग्री’ का इस्तेमाल किया गया. इस वायुसेना अड्डे का […]

पठानकोट : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मारा गिराया गया है तथा उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ‘कुछ कमियां’ थीं जिनकी वजह से यह हमला हुआ. हमले में कुछ ‘पाकिस्तान निर्मित सामाग्री’ का इस्तेमाल किया गया.

इस वायुसेना अड्डे का दौरा करने के बाद पत्रकार सम्मेलन में पर्रिकर ने कहा कि आतंकवादियों को मार गिराया गया है, हालांकि तलाशी अभियान अभी जारी है. आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान शनिवार तड़के 3.30 बजे से चल रहा था.

उन्होंने सवालों के जवाब में कहा, ‘‘अंदर फिलहाल कोई संदिग्ध आतंकवादी नहीं है. मैं तलाशी अभियान के पूरा होने तक कोई नकारात्मक रिपोर्ट नहीं दूंगा. तलाशी अभियान कल पूरा हो सकता है.” पर्रिकर ने कहा कि तलाशी अभियान सुरक्षा मकसद से किया गया क्योंकि वहां गोला-बारुद के अलावा जिंदा बम हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘शायद वे उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक लेकर आए थे.” रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों के पास एके47, अंडर ग्रेनेड बैरेल लांचर, स्विस एवं कमांडो चाकू, 40-50 किलोग्राम गोलियां, 3-4 दर्जन और मोर्टार थे. पर्रिकर ने ऐलान किया कि हमले के दौरान जिन सात सुरक्षाकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए उनको शहीद का दर्जा दिया जाएगा जिससे वे युद्ध जैसे हालात में जान गंवाने की स्थिति में मिलने वाले फायदे पाने के हकदार होंगे.

सवालों के जवाब में पर्रिकर ने कहा, ‘‘मैं कुछ कमियां देखता हूं. परंतु मुझे नहीं लगता कि सुरक्षा से कोई समझौता हुआ है. एक बार जांच पूरी होने के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी.” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के हर विवरण के बारे में चर्चा नहीं की जा सकती और जांच होने के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी. पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इसको लेकर चिंता है कि आतंकवादी कैसे वायुसेना अड्डे के भीतर घुस गए जिसकी परिधि 24 किलोमीटर है और जो करीब 2,000 एकड में फैला है.

हमले के पाकिस्तानी संबंध के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने कहा कि ऐसे संकेत मिले हैं कि आतंकवादियों ने कुछ ऐसी सामाग्री का इस्तेमाल किया जो पाकिस्तान में निर्मित थी. उन्होंने कहा कि गरुड कमांडो को छोडकर कोई भी प्रत्यक्ष अभियान में नहीं मारा गया.

पर्रिकर ने कहा, ‘‘डिफेंस सिक्योरिटी कोर के पांच कर्मी बहुत हद तक बदकिस्मती के कारण मारे गए. इनमें से एक जगदीश चंद्र मारे जाने से पहले आतंकवादियों के साथ जूझे.” आतंकवाद विरोधी अभियान को ‘बहुत मुश्किल’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि सभी संपत्तियां :रणनीतिक और इमारतें’ तथा परिवार सुरक्षित हैं. सिर्फ उस इमारत को नुकसान पहुंचा है जिसमें आतंकवादी थे.

उन्होंने सेना, वायुसेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के साझा प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि उन्हें भविष्य में साझा प्रशिक्षण लेना चाहिए. मुख्य भूमिका के लिए सेना के विशेष बलों की बजाय एनएसजी का चुनाव करने को लेकर हो रही आलोचना को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘एनएसजी में 50 फीसदी सेना के लोग होते हैं.

सेना की ओर से सभी संसाधन मुहैया कराए गए और उन्होंने मिलकर सहजता से काम किया.” उन्होंने कहा कि शुरुआती ध्यान वायु अड्डे की सभी संपत्तियों को सुरक्षित रखने पर था जहां 3,000 परिवार रहते हैं और इनके अलावा पांच से छह देशों के विदेशी प्रशिक्षु भी हैं.

पाकिस्तान से आए घुसपैठियो को रोकने में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की नाकामी के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने मीडिया की खबरों का हवाला दिया जिनमें कहा गया है, ‘‘बीएसएफ से पहले ही कहा गया है कि वह उन इलाकों के बारे में जानकारी दे जहां से आतंकवादियों ने प्रवेश किया होगा.”

पर्रिकर ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईएइस मामले की जांच कर रही है और विवरण के बारे में उनकी ओर से कुछ कहना उचित नहीं होगा क्योंकि यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि सभी रक्षा प्रतिष्ठानों का सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है. उनकी ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार मुठभेड शनिवार तडके 3:30 बजे आरंभ हुई और आतंकवादियों के साथ आखिरी संपर्क रविवार शाम करीब 7:30 बजे हुआ.

पर्रिकर ने कहा कि इसके बाद से तलाशी अभियान चल रहा है क्योंकि अंदर बहुत सारे जिंदा बम हैं और ऐसे में शवों को बरामद करने में देरी हुई है. उन्होंने कहा कि छठे आतंकवादी का शव अभी बरामद नहीं किया गया क्योंकि एजेंसियों को लगता है कि शव के साथ विस्फोटक हो सकता है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम जोखिम नहीं ले सकते. हम इस तरह से एक कर्मी को गवां चुके हैं. हमें किसी और को नहीं गंवाना चाहिये.”

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