नयी दिल्ली: सीबीआई ने गैंगस्टर छोटा राजन द्वारा फर्जी ब्योरा देकर पासपोर्ट हासिल करने के लिए कथित भ्रष्ट तरीके अपनाने को लेकर उसके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी का विवरण देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि इसे सूचना के अधिकार कानून में छूट प्राप्त है.
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सीबीआई ने छोटा राजन का विवरण देने से इनकार किया
नयी दिल्ली: सीबीआई ने गैंगस्टर छोटा राजन द्वारा फर्जी ब्योरा देकर पासपोर्ट हासिल करने के लिए कथित भ्रष्ट तरीके अपनाने को लेकर उसके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी का विवरण देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि इसे सूचना के अधिकार कानून में छूट प्राप्त है. वैसे यह पारदर्शिता कानून स्पष्ट करता है कि […]
वैसे यह पारदर्शिता कानून स्पष्ट करता है कि छूट प्राप्त संगठन भी तब आरटीआई कानून के अंतर्गत आते हैं अगर मांगी गयी सूचना (जो अधिकारी के पास किसी रुप में सामग्री के रुप में हो या उसके नियंत्रण में हो) का संबंध भ्रष्टाचार के आरोपों से हो.
यह इस बात में कोई फर्क नहीं करता कि आरोप किसी प्राधिकारी, या उसके कर्मचारी के खिलाफ है या नहीं. इस कानून के अनुसार केवल यह देखा जाना होता है कि उस प्राधिकारी के नियंत्रण में सूचना है या नहीं.
लेकिन सीबीआई, छूट संगठनों की सूची में शामिल किये जाने के बाद किसी प्रकार की सूचना, यदि भ्रष्टाचार से जुडा हो तो भी, से इनकार करने के लिए आरटीआई कानून की धारा 24 का हवाला दे रही है.आरटीआई आवेदक वेंकेटेश नायक ने कहा कि जब वह राजन के खिलाफ प्राथमिकी, जिसमें भ्रष्टाचार से संबंधित आरोप है, का ब्योरा मांगते हुए सीबीआई के पास पहुंचे तब एजेंसी ने 49 दिनों बाद आवेदन को खारिज करने के लिए इस कानून की धारा 24 का हवाला दिया.
जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘ऐसे में आरटीआई कानून सीबीआई पर लागू नहीं होता.” नायक का कहना है कि धारा 24 स्पष्ट करती है कि छूटप्राप्त संगठन भी भ्रष्टाचार के आरोप के बारे में सूचना प्रदान करे.उन्होंने कहा, ‘‘आरटीआई आवेदन से जुडी मीडिया मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है कि प्राथमिक भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया गया .” उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत प्राथमिकी स्वत: ही दर्ज नहीं की जाती यदि सीबीआई सिडनी में भारतीय मिशन के अधिकारियों द्वारा कथित फर्जी पासपोर्ट जारी करने के भ्रष्टाचार के मामले की जांच नहीं कर रही होती. सीबीआई की अपनी स्वीकारोक्ति से इसमें भ्रष्टाचार का आरोप है.”
अंडरवर्ल्ड डॉन राजन को दिल्ली और मुम्बई में हत्या, जबरन वसूली और मादक पदार्थ की तस्करी के 70 से अधिक मामलों में अदालती सुनवाई से गुजारने के लिए पिछले साल नवंबर में सीबीआई अधिकारियों की अगुवाई में एक संयुक्त टीम इंडोनेशिश के बाली शहर से लायी थी.पचपन वर्षीय इस गैंगस्टर को 25 अक्तूबर, 2015 में बाली में गिरफ्तारी के बाद स्वदेश लाया गया था. वह 27 सालों तक फरार रहा था. उसका पूरा नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है.
उसके भारत पहुंचने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने एक आकस्मिक घोषणा की कि वह इस अंडरवर्ल्ड से जुडे सारे मामले सीबीआई को सौंप रही है क्योकि एजेंसी को ऐसे मामलों से निबटने में निपुणता है.
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