नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस में छिहत्तर घंटे से सेना का ऑपरेशन चल रहा है. एयरफोर्स बेस में सेना, एनएसजी और अन्य सुरक्षा एजेसियों के जवानों ने सोमवार को दो और आतंकियों को मार गिराया. इस तरह से पठानकोट हमले में शामिल अब तक 6 आतंकियों को मार गिराया गया है, जबकि 7 जवान शहीद हुए हैं. एयरफोर्स बेस के पूरे इलाके को सुरक्षा बल स्कैन कर रहे हैं. ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई आतंकी कहीं छिपा तो नहीं है. उधर, पठानकोट हमले पर भारत द्वारा उपलब्ध कराए गये सुरागों पर पाकिस्तान विदेश विभाग काम कर रहा है.
इस बीच पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है. गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह और उनके रसोइए मदन गोपाल से एनआइए की टीम ने पूछताछ की है. उन दोनों ने बताया है कि 31 दिसंबर को आतंकियों ने उनलोगों का अपहरण कर लिया था.
भारत द्वारा उपलब्ध कराये गये सुरागाें पर काम कर रहा है पाक
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी विदेश विभाग ने आज रात एक बयान में कहा कि पाकिस्तान पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के संबंध में भारत द्वारा उपलब्ध कराए गये सुरागों पर काम कर रहा है. पठानकोट में ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण आतंकी घटना” पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, हम उन परिवारों का दुख समझते हैं जिन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है क्योंकि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का एक बड़ा पीड़ित है.
बयान में कहा गया, ‘‘आतंकवाद से मुकाबला करने और इसे उखाड़ फेंकने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता के अनुरुप सरकार, भारत सरकार के संपर्क में है और उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए सुरागों पर काम कर रही है.” इसमें हालांकि भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए ‘‘सुरागों” का ब्योरा नहीं दिया गया. बयान में यह भी कहा गया कि भारत और पाकिस्तान को सतत वार्ता प्रक्रिया के प्रति ‘‘कटिबद्ध” रहना चाहिए. दोनों देशों के बीच अगले हफ्ते होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता पर आज इन संकेतों के बीच अनिश्चितता के बादल छा गए कि इस वार्ता को पठानकोट आतंकी हमले के चलते स्थगित किया जा सकता है.
एनआइए ने तीन मामले दर्ज किए
नयी दिल्ली : एनआइए ने पंजाब के पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के पीछे की पूरी साजिश की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए और समझा जाता है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम दिया है. ये मामले शुरू में पठानकोट में स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किए गये थे और बाद में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए को सौंप दिया गया. एनआइए की स्थापना मुंबई आतंकवादी हमले के बाद देश के सभी आतंकवादी मामलों की जांच के लिए की गयी थी. पहला मामला पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के अपहरण से संबंधित है जबकि दूसरा मामला टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह की हत्या से संबंधित है. दोनों मामले पठानकोट के नरोट जयमाल सिंह पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गये थे.
तीसरा और मुख्य मामला पठानकोट के पुलिस स्टेशन डिविजन नंबर दो में दर्ज किया गया और यह पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले से संबंधित है. महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी की अगुवाई में एनआइए की 20 सदस्यीय टीम चल रही जांच की निगरानी के लिए दो जनवरी से ही पठानकोट में मौजूद है. पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी को मामले में मुख्य जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून और हथियार कानून की विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सूत्रों ने कहा कि पठानकोट अभियान के समाप्त होने के संबंध में थलसेना और एनएसजी द्वारा घोषणा किए जाने के बाद एनआईए सबूत और आतंकवादियों के शव अपने कब्जे में ले लेगी.
सूत्रों ने बताया कि एनआईए को सौंपी गयी जांच के दायरे में आतंकवादियों का भारत में प्रवेश, टैक्सी चालक इकागर सिंह की हत्या, पंजाब में पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी का अपहरण और वायुसेना परिसर में प्रवेश भी शामिल रहेंगे. सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तानी धरती पर रची साजिश का भी पता लगाने का प्रयास करेंंगे और अगर संभव हुआ तो उस देश में ‘‘राष्ट्र और राष्ट्रेतर” तत्व का भी पता लगाएंगे.
उन्होंने कहा कि एनआईए वायुसेना के बर्खास्त कर्मी रंजीत केके से पूछताछ कर सकती है या उसे हिरासत में पूछताछ की अनुमति मांग सकती है. दिल्ली पुलिस ने आईएसआई को सूचना देने के आरोप में रंजीत को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित पठानकोट प्रतिष्ठान मिग 21 युद्धक विमानों और एमआई 25 युद्धक हेलीकाप्टरों का बेस है. भारत ने पिछले महीने चार ऐसे हेलीकाप्टर अफगानिस्तान को भेंट किए थे.