मामले में राज्य के डीजीपी डीके पांडेय और एडीजी एसएन प्रधान ने जो बयान दिये हैं, वे हास्यास्पद हैं. आरोप पुलिस पर ही है और पुलिस विभाग ही जांच भी कर रहा व सफाई भी दे रहा है. गुनहगार कभी कहेगा कि उसने गुनाह क्या है ? इसलिए स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट बेमतलब है. एसआइटी जांच से ही सच सामने आ सकता है. श्री मरांडी ने उक्त बातें सोमवार शाम ‘प्रभात खबर’ से विशेष बातचीत में कहीं.
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सरकार बताये कब बनी कमेटी और कब-कब हुई बैठक: मरांडी
देवघर: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने फोन टेपिंग प्रकरण पर सरकार के रुख के प्रति एक बार फिर सोमवार को रंजो-गम का इजहार किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामला को हल्का (डाइल्यूट) कर रही है, जबकि टालमटोल व गलतबयानी कर लोगों को बरगला रही है. मामले में राज्य के […]
देवघर: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने फोन टेपिंग प्रकरण पर सरकार के रुख के प्रति एक बार फिर सोमवार को रंजो-गम का इजहार किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामला को हल्का (डाइल्यूट) कर रही है, जबकि टालमटोल व गलतबयानी कर लोगों को बरगला रही है.
उन्होंने कहा कि एडीजी एसएन प्रधान कह रहे हैं कि फोन टेपिंग की प्रशासनिक प्रक्रिया काफी कठिन है. इस पर सवाल उठाते हुए झाविमो सुप्रीमो ने कहा कि फोन टेपिंग के लिए जरूरी मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कोई कमेटी कभी बनी क्या? अगर बनी तो सरकार बताये कि इसके सदस्य कौन-कौन थे और इसकी बैठक कब-कब हुई ? मुख्यमंत्री द्वारा फोन टेपिंग का प्रमाण मांगे जाने की बात पर श्री मरांडी ने कहा-‘ सरकार एसआइटी का गठन करे. मैं एसआइटी के सामने प्रमाण प्रस्तुत करुंगा.’ उन्होंने कहा कि यह सरकार कमजोर है. सरकार विरोधियों से ही नहीं, अपनों से भी भयभीत है. यही कारण है कि वह फोन टेप कर लोगों के मौलिक अधिकार का हनन कर रही है. अगर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो हम आगे भी इसका प्रतिकार करेंगे.
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