कोलकाता. अपनी मांगों को लेकर जुलूस निकालने वाले शिक्षकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने का आरोप है. यह आरोप वेस्ट बंगाल गेस्ट लेक्चर एसोसिएशन ने लगाया है.
एसोसिएशन की ओर से सोमवार को एक जुलूस कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक निकाला गया. इसके बाद उनका कार्यक्रम राज्यपाल के पास जाकर अपनी मांगों के सिलसिले में एक ज्ञापन सौंपना था. आरोप है कि पुलिस ने धर्मतला में उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. इसमें कई शिक्षकों को चोटें आईं. हालांकि पुलिस के अनुसार लाठीचार्ज नहीं किया. सुरक्षित क्षेत्र होने के कारण उन्हें रोका गया. एसोसिएशन के महासचिव गोपाल चंद्र घोष ने कहा कि राज्य में कॉलेजों के पूर्णकालिक व कॉन्ट्रैक्चुअल शिक्षकों के बराबर की तादाद गेस्ट लेक्चर्स की है. यानी करीब 10 हजार की संख्या में राज्य में गेस्ट लेक्चरर्स हैं.
लेकिन राज्य सरकार उनके साथ सौतेला बर्ताव करती है. अपनी मांगों के सिलसिले में गत 28 दिसंबर से वह कॉलेज स्क्वायर में धरना व अनशन पर बैठे हैं लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री ने उनकी सुध तक नहीं ली. उनकी मांगों में उन्हें पार्ट टाइम लेक्चरर्स जैसी सुविधा दी जाये, उनका स्थायीकरण किया जाये तथा उनका एक निश्चित वेतन हो, शामिल है.
एसोसिएशन ने कहा कि गत दो जनवरी को तो सरकार की ओर से यह भी बयान दिया गया कि ये गेस्ट लेक्चरर्स उनके शासनकाल में नियुक्त नहीं हुए थे. सरकारी इस दावे का खंडन करते हुए गोपाल चंद्र घोष कहते हैं कि करीब 90 फीसदी गेस्ट लेक्चरर्स तृणमूल के शासनकाल में ही नियुक्त हुए हैं. ये सभी परिवर्तन के आंदोलन के तृणमूल के साथ हैं. लेकिन आज राज्य सरकार उन्हें भुला दे रही है. अपनी मांगों के सिलसिले में वह वृहत्तर आंदोलन करेंगे. इसके तहत मंगलवार को महानगर को वह अवरुद्ध करने का अभियान चलायेंगे. इधर पुलिस ने धर्मतला में धरने पर बैठे गेस्ट लेक्चरर्स के चार प्रतिनिधियों को राज्यपाल से मुलाकात कराने की व्यवस्था की. एसोसिएशन की ओर से राज्यपाल को अपनी मांगों के सिलसिले में ज्ञापन सौंपा गया.