धनबाद:मुख्यमंत्री सचिवालय से पीएमसीएच को अलर्ट करने के बावजूद गोड्डा के विधायक रघुनंदन मंडल (63) की पोस्टमार्टम के लिए चार घंटे तक परिजनों को इंतजार करना पड़ा. लगभग चार घंटे के बाद शव को धनबाद डीसी केएन झा के आदेश के बाद पांच सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने देर रात पोस्टमार्टम किया. गोड्डा से विधायक का शव शाम 5.12 बजे पीएमसीएच पहुंचा, जबकि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया 8.17 बजे शुरू की गयी.
इससे पहले निरसा विधायक अरूप चटर्जी, धनबाद विधायक राज सिन्हा, झरिया विधायक संजीव सिंह, बगोदर विधायक नागेंद्र महतो, सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल शुरू से हाउस के बाहर जमे रहे.
विधायक पोस्टमार्टम में हो रही देरी से कभी पीएमसीएच प्राचार्य डा पीके सेंगर, अधीक्षक डा के विश्वास तो कभी डीसी को फोन कर जल्द निबटाने की बात करते रहे. बाद में सांसद पीएन सिंह, मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी पहुंचे. काफी उतार चढ़ाव के बाद आखिर मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी से पोस्टमार्टम शुरू हुआ. मजिस्ट्रेड गोड्डा से आये थे.
पोस्टमार्ट में क्यों हुई देरी
बताया जाता है कि गोड़्डा डीसी ने धनबाद डीसी को बोर्ड बैठा कर पोस्टमार्टम की मौखिक सूचना दी थी. गोड्डा सदर अस्पताल से पीएमसीएच अधीक्षक के नाम से पोस्टमार्टम के लिए पत्र आया. जबकि पोस्टमार्टम प्राचार्य के अंदर आता है. अधीक्षक ने पत्र को प्राचार्य को भेज दिया. अब इस पत्र को डीसी को भेज कर अनुमति लेनी थी. लेकिन न मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ, न डीसी ने अनुमति ली गयी. इधर, पोस्टमार्टम के चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिये, उनका कहना था कि जब-तक डीसी की लिखित अनुमति नहीं मिलेगी, पोस्टमार्टम नहीं शुरू कर सकते. इस दौरान लगभग चार घंटे बीत गये. अंत में डीसी, डीडीसी, एसडीए खुद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. वहां से पांच डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड बना कर लिखित आदेश दिया. वीडियोग्राफी के लिए भी कोई व्यक्ति नहीं मिला, इसमें लगभग आधे घंटे से अधिक लग गये. तब जाकर पोस्टमार्टम शुरू हुआ. कुछ लोग इसे लापरवाही तो कुछ लोग इसे तकनीकी अड़चन बताते रहे.
इंहेलर लेते थे पिता, रात में पकौड़े खाये थे : सुमित
पोस्टमार्टम पहुंचे विधायक के छोटे पुत्र व सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमित आनंद ने बताया कि पिता की तबीयत रविवार से खराब थी. बीच-बीच में वह इंहेलर लेते थे. रविवार की शाम कार्यालय (कोरका गांव) के बाहर से पकौड़े खाये. इसके बाद रात में घर में पराठा व भूजिया खाये. सोने जाने के बाद उनकी तबीयत और खराब होने लगी. तबीयत काफी खराब होने के बाद उन्हें रात 11.30 बजे गांव से सदर अस्पताल गोड्डा ले जाने लगे. वहीं पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुत्र सुमित ने बताया कि वहां चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही. चूंकि गोड्डा में पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति बेहतर नहीं थी, इसलिए रांची रिम्स या पीएमसीएच धनबाद के लिए चिकित्सों ने सलाह दी. बड़ा बेटा अमित आनंद बिजनेस एनालाटिस्क है, एक बेटी है. सुमित ने बाताया कि पिता दो वर्ष पहले तक सिगरेट पीते थे. वहां से उन्होंने वेल्लोर में इलाज कराया था. इलाज के बाद उन्होंने सिगरेट छोड़ दी थी. लेकिन बीच-बीच में उन्हें इंहेलर लेना पड़ता था.