समस्तीपुर : सुबह तड़के आयी भूकंप ने जिला वासियों को दहला दिया है.लोगों की आंखे सोमवार को भूकंप से खुली. रिएक्टर स्केेल पर इसकी तीव्रता 6.7 आंकी गयी थी. हलांकि जान माल की कोई क्षति नहंीं हुयी. वहीं जिला प्रशासन ने भूकंप को लेकर सभी प्रखंडों से बात की है. आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्त्ता गौतम पासवान ने बताया कि अभी तक जान माल की किसी तरह की क्षति की सूचना नहीं हैै.
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भूकंप: बेड हिलते ही घर से भाग निकले लोग
समस्तीपुर : सुबह तड़के आयी भूकंप ने जिला वासियों को दहला दिया है.लोगों की आंखे सोमवार को भूकंप से खुली. रिएक्टर स्केेल पर इसकी तीव्रता 6.7 आंकी गयी थी. हलांकि जान माल की कोई क्षति नहंीं हुयी. वहीं जिला प्रशासन ने भूकंप को लेकर सभी प्रखंडों से बात की है. आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्त्ता […]
वहीं आफटर शॉक्स की संभावना को देखते हुये लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है. बताते चलें कि विगत 2015 के अप्रेल व मई में आयी भूकंप ने जान माल की भारी क्षति की थी. इसमें प्रशासन ने अब तक 26 लोगों को मुआवजा की राशि का भुगतान कर दिया है. वहीं शेष मामलों की जांच प्रशासन के स्तर से की जा रही है.किसी को बेड डोलने की आभास हुआ तो किसी को दरवाजा की टकराहट महसूस हुयी. ऐसा देख लोगों तुरंत समझ गए भूकंप आई.
लेकिन लोगों को विगत वर्ष अप्रैल में आई रु क रु क कर भूकंप की याद ताजा हो गयी. इस भूकंप को लोग पिछले वर्ष की भूकंप से जोड़कर देख रहे थे. भूकंप का झटका शांत होने के बाद भी लोगों को वापस घर में जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी. लोग सोच रहे थे की कहीं पिछले वर्ष की तरह इसवार भी रु क रु क कर भूकंप आ सकता है. इस ख्याल से लोग उसके बाद जगे रहे और कड़ाके की ठण्ड होने के बाद भी लोगों की हुजूम सड़क पर लगी थी.
भूकंप की पुरानी यादें हुईं ताजा
रोसड़ा. अनुमंडल क्षेत्र में सोमवार की अहले सुबह भूकंप के झटके महसूस किये गये़ हालांकि भूकंप का तीव्रता कम रहने के कारण किसी तरह की जानमाल के क्षति की सूचना नहीं है़ यह भूकंप ऐसे समय में आया जिस समय लोग अपने अपने घरों में रजाई ताने सोये हुये थे़ सभी गहरे नीद में थे़ परन्तु धरती के कंपन से कुछ लोगों की नींद खुली और वे जब तक बाहर निकलते तब तक कंपन बंद हो चुका था़
धीरे धीरे सब लोगों को एक दूसरे से भूकंप आने के बारे में जानकारी मिली तो इससे पूर्व के अधिक तीव्रता वाली भूकंप की याद आ गयी़ चौक चौराहों पर इस आई भूकंप की चर्चा होने लगी़ सभी अपने सगे संबंधियों एवं रिश्तेदारों से फोन पर सम्पर्क कर भूकंप के बारे में जानकारी लेते रहे़ लोगों के जेहन में पूर्व के भूकंप की याद ताजा हो गयी और दोबारा झटका आने का भय भी लोगों को सताने लगा परन्तु पुन: भूकंप नहीं आने पर लोगों के बीच से भय समाप्त हुआ़
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