संतमत सत्संग का आयोजन
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भक्ति से ही जीवन हो सकता है सफल
संतमत सत्संग का आयोजन सोनवर्षा राज : महुआ बाजार स्थित संतमत सत्संग आश्रम आम्र वाटिका में नये वर्ष के आगमन पर सत्संग का आयोजन किया गया. सत्संग के दौरान प्रवचन में स्वामी अरविंद बाबा ने कहा कि समय मूल्यवान है, जो समय व्यतीत हो जाता है वह लौटकर नहीं आता है. करोड़ों धन देने पर […]
सोनवर्षा राज : महुआ बाजार स्थित संतमत सत्संग आश्रम आम्र वाटिका में नये वर्ष के आगमन पर सत्संग का आयोजन किया गया. सत्संग के दौरान प्रवचन में स्वामी अरविंद बाबा ने कहा कि समय मूल्यवान है, जो समय व्यतीत हो जाता है वह लौटकर नहीं आता है. करोड़ों धन देने पर या सर पटक कर मर जाने के बावजूद इनसान का बचपन वापस नहीं आता. समय बिना किसी के प्रतीक्षा के अनवरत चलता रहता है.
समय के साथ ही इंसान की आयु भी लगातार पल-पल घटती जाती है. इस बाबत महर्षि मेंही परमहंस जी ने कहा कि ‘दिन बितत जावे आयु खुराबे, भजो-भजो प्रभु नाम.’ बाबा कहते हैं कि आयु बीतने के साथ ही मनुष्य का सुंदर शरीर नष्ट हो जाता है. मनुष्य जीवन को पुन: प्राप्त करने के लिए मानवोचित कर्तव्य का पालन करते हुए ईश्वर की भक्ति या सुमिरन करनी चाहिए.
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा कि कर्मयोगी बनो अर्थात अपने कर्तव्यों कर्मों का पालन करते हुए ईश्वर की भक्ति से ही मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है. सत्संग आश्रम में नये वर्ष के मौके पर आयोजित सत्संग कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक मुखिया, राधे दास, रामपुकार दास, वीरेंद्र जायसवाल, अखिलेश पोद्दार, संजीव कुमार, बुचो मंडल, बजरंग अग्रवाल आदि का योगदान रहा.
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