नयी दिल्ली : सरकार ने आज वर्ष 2016 को ‘एलपीजी उपभोक्ताओं का साल’ घोषित किया. इसके साथ ही सरकार ने 2018 के अंत तक देश में सभी परिवारों को रसोई गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. सरकार का इरादा ऑनलाइन बिल भुगतान सुविधा शुरू करने और पारदर्शी गैस सिलेंडर पेश करने का भी है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘2016 का साल एलपीजी उपभोक्ताओं का वर्ष होगा. हम देशभर में कुकिंग गैस तक पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास करेंगे. हमने आगामी तीन कैलेंडर सालों 2016, 2017 और 2018 तक समूची आबादी को एलपीजी उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है.” प्रधान देश में रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर 1906 को शुरू किए जाने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उपभोक्ता इस नंबर पर कॉल कर गैस लीक होने आदि की स्थिति में मदद के लिए कह सकते हैं.
प्रधान ने मंत्रालय तथा पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के शीर्ष कार्यकारियों से इन नंबर को मुफ्त करने को कहा है. फिलहाल, इस नंबर के लिए सामान्य कॉल दर लगेगी. देश में एलपीजी की उपलब्धता के बारे में प्रधान ने कहा कि देश में 27 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं. इनमें से 16.5 करोड़ सक्रिय ग्राहक हैं.
तेल विपणन कंपनियों के दायरे में करीब 60 प्रतिशत आबादी आती है. उन्होंने कहा कि हम 100 प्रतिशत आबादी तक पहुंचना चाहते हैं. ‘‘लेकिन हमें कीमत और पहुंच के मुद्दे का ध्यान रखना होगा. ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले तीन साल तक आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपनी खरीद क्षमता बढ़ने की वजह से इस सुविधा का लाभ लेगा.” एलपीजी ऑनलाइन बिल भुगतान सेवा शुरू करने के बारे में मंत्री ने कहा कि पायलट परीक्षण जारी है. हम इस सेवा को 2016 के कैलेंडर साल में शुरू करेंगे.
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