नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि कर्मचारियों को देय वेतन व लाभों में वृद्धि को बनाये रखने के लिए देश को 1-1.5 प्रतिशत अतिरिक्त वृद्धि की जरुरत है. जेटली यहां भारतीय मजदूर संघ :बीएमएस: द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी जीडीपी में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि उस समय दर्ज की गई जबकि दुनिया वैश्विक मंदी से दो चार है. हमें अपनी वृद्धि दर बढ़ाने की जरूरत है. हमें इसमें कम से कम 1-1.5 प्रतिशत बढ़ोतरी करनी होगी.
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में सातवें वेतन आयोग के भुगतान का 1.02 लाख करोड रपये का बोझ होगा, एक रैंक एक पेंशन ओआरओपी का बोझ भी होगा. इस बोझ को तभी वहन किया जा सकता है जबकि आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो. आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी से सरकारी राजस्व तथा संसाधन बढ़ेंगे. ‘ उन्होंने कहा कि वेतन वृद्धि को लेकर सरकार श्रमिक संगठनों से संवाद को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि अगर समाज में विकास होता है तो उसका फायदा पहले श्रमिकों तथा गरीबों को जाना चाहिए.
वित्त मंत्री ने कहा कि वेतन व बोनस में वृद्धि तभी की जा सकती है जबकि सरकार व निजी क्षेत्र के पास उसके लिए संसाधन हों. उन्होंने कहा कि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन कम से कम सम्मानजनक तथा मुद्रास्फीति के अनुसार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वृद्धि केंद्रित नीतियों के बदले परिदृश्य में समाज में चौतरफा विकास हो रहा है जिससे सरकार गरीबों की बेहतर सेवा करने में सक्षम है. वित्त मंत्री ने बीएमएस से सरकार की वृद्धि केंद्रित नीतियों का समर्थन करने को कहा और बदले में वह उनकी सभी उचित मांगों का ध्यान रखेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वामदलों का दर्शन अब देश भर में अस्वीकार्य हो गया है. भाषा
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