दरअसल, निदेशालय ने एनसीटीइ को को जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें एमएड कोर्स एजुकेशन डिपार्टमेंट में खोलने की बात अंकित थी. यह बीआरए बिहार विवि का विभाग होगा, जो निदेशालय के अधिन चलेगा. निदेशालय की योजना वर्तमान कार्यालय को ही एजुकेशन डिपार्टमेंट के रूप में विकसित करने की है. इसके लिए उक्त भवन में एक्सटेंशन का काम लगभग पूरा हो चुका है. जनवरी के आखिर तक निदेशालय का कार्यालय विवि हिंदी विभाग में बगल में बन रहे नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा.
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बीआरए बिहार विवि: डीडीइ में अगले सत्र से एमएड कोर्स!
मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में सत्र 2016-17 से एमएड कोर्स शुरू होने की उम्मीद बढ़ गयी है. भूवनेश्वर में 21 व 22 दिसंबर को आयोजित एनसीटीइ की 200 वीं मीटिंग में निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है. फरवरी में एनसीटीइ की टीम निरीक्षण के लिए निदेशालय आयेगी. इसका मकसद एजुकेशन डिपार्टमेंट का […]
मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में सत्र 2016-17 से एमएड कोर्स शुरू होने की उम्मीद बढ़ गयी है. भूवनेश्वर में 21 व 22 दिसंबर को आयोजित एनसीटीइ की 200 वीं मीटिंग में निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है. फरवरी में एनसीटीइ की टीम निरीक्षण के लिए निदेशालय आयेगी. इसका मकसद एजुकेशन डिपार्टमेंट का भवन व जमीन के आधिपत्य की जांच करना है. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. जनवरी तक निदेशालय का कार्यालय नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा.
दरअसल, निदेशालय ने एनसीटीइ को को जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें एमएड कोर्स एजुकेशन डिपार्टमेंट में खोलने की बात अंकित थी. यह बीआरए बिहार विवि का विभाग होगा, जो निदेशालय के अधिन चलेगा. निदेशालय की योजना वर्तमान कार्यालय को ही एजुकेशन डिपार्टमेंट के रूप में विकसित करने की है. इसके लिए उक्त भवन में एक्सटेंशन का काम लगभग पूरा हो चुका है. जनवरी के आखिर तक निदेशालय का कार्यालय विवि हिंदी विभाग में बगल में बन रहे नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा.
राजभवन से पास है रेगुलेशन
एनसीटीइ की हरी झंडी मिलने के बाद एमएड कोर्स शुरू करने में कोई परेशानी नहीं होगी. कारण राजभवन बीते 10 सितंबर को ही कोर्स के रेगुलेशन को मंजूरी दे चुकी है. यह रेगुलर मोड में चलेगा. निदेशालय के अधिकारियों की मानें तो शुरुआत में एमएड कोर्स में अधिकतम 50 सीटें निर्धारित होगी. नामांकन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा. बीए, बीए एजुकेशन, बीएससी एजुकेशन, बीइएलइडी, डीइएलइडी की डिग्री न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक के साथ पूरा करने वाले अभ्यर्थी ही इसमें नामांकन के लिए योग्य माने जायेंगे. एनसीटीइ से मंजूरी के बाद निदेशालय को सिर्फ कोर्स का नया सिलेबस तैयार करना होगा.
एनसीटीइ ने एमएड व बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स के डीडीइ के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. फरवरी में उसकी एक टीम निरीक्षण के लिए यहां आयेगी. उसके बाद कोर्स शुरू करने की मंजूरी मिलेगी. डीडीइ को डेक से संबद्धता प्राप्त है. संशय के कारण सदस्यों ने संबद्धता की जांच का फैसला लिया है. उम्मीद है इस कोर्स को शुरू करने की मंजूरी भी जल्द मिल जायेगी.
ललन कुमार, प्रशासनिक अधिकारी, डीडीइ
बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स भी होगा शुरू!
एमएड कोर्स के साथ-साथ विवि में खुलने वाले एजुकेशन विभाग में अगले सत्र से बीएड-इंटीग्रेटेड कोर्स भी शुरू हो सकता है. इसके लिए एनसीटीइ ने निदेशालय को 21 दिनों के भीतर नैक से विवि को मिले बी ग्रेड का सर्टिफिकेट भेजने का निर्देश दिया है. दरअसल, इस कोर्स को शुरू करने के लिए शिक्षण संस्थान को नैक से न्यूनतम बी ग्रेड हासिल होना अनिवार्य है. बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स तीन साल का होगा. इसमें पीजी पास उम्मीदवार नामांकन ले सकेंगे. यदि एनसीटीइ मंजूरी देती है तो अगले सत्र में इस कोर्स में सौ सीटों पर नामांकन होगा.
डीइएलइडी कोर्स के लिए संबद्धता की होगी जांच
एनसीटीइ की 200 वीं बैठक में निदेशालय में डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीइएलइडी) कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया. यह डिस्टेंस मोड पर आधारित कोर्स है. हालांकि सदस्य इस पर एकमत नहीं हो सके. दरअसल, निदेशालय की ओर से एमएड व बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स रेगुलर मोड में शुरू करने के प्रस्ताव के कारण सदस्यों में संशय पैदा हो गया कि इसे डिस्टेंस कौंसिल ऑफ इंडिया (डेक) से संबद्धता प्राप्त है अथवा नहीं! ऐसे में सदस्यों ने डीइएलइडी कोर्स को हरी झंडी देने से पूर्व निदेशालय की डेक से संबद्धता की जांच का फैसला लिया है.
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